The Cell

The Cell
The cell
सृष्टि में जीवन, छोटे-बड़े अनेक रूपों में प्रकट होता है। यह सभी biological organizations, cells से मिलकर बने होते हैं। इसी तथ्य को यूं भी कहा जा सकता है कि cell ही किसी शरीर की सबसे छोटी यूनिट है। Cell शब्द की उत्पत्ति Latin शब्द cella से हुई है जिसका अर्थ है खाली स्थान। Greek में इसके लिए Kyte शब्द का प्रयोग होता है।
Biology में Cells के विस्तृत अध्ययन के लिए biology में एक सम्पूर्ण branch ही अलग से है जिसे cell biology या cytology कहते हैं। इसमें किसी cell के forms (वह कितनी प्रकार की हो सकती है), structure (उसकी बनावट), chemical organization (वह किन-किन तत्वों से मिलकर बनती है), metabolism (उसके समस्त कार्य किस-किस प्रकार से संपन्न होते हैं), energetics (इन कार्यों के लिए उसे ऊर्जा किस प्रकार प्राप्त होती है), growth (उसका विकास), repair (दैनिक टूट-फूट की मरम्मत का कार्य) एवं multiplication (किसी वयस्क cell के द्वारा दो अथवा अनेक छोटी-छोटी cells का बनना) इत्यादि कार्यों का वर्णन किया जाता है।
किसी cell को सर्वप्रथम अपनी आँखों से देख पाने के श्रेय ब्रिटिश वैज्ञानिक Robert Hooke को जाता है जिसने अपनी पुस्तक Micrographia में cork की cell को देखने की विधि का वर्णन किया था।
यदि मानव शरीर का वर्णन किया जाये तो इसमें 200 प्रकार की लगभग 75 trillion (750 अरब) cells मिलती हैं। शरीर में सर्वाधिक संख्या में मिलने वाली cells हैं red blood cells (RBCs) जो अकेली ही लगभग 50 trillion (500 अरब) की संख्या में मिलती हैं।
मानव शरीर की विभिन्न cells अलग-अलग आकृतियों एवं आकार की होती हैं। RBCs का आकार 6.5-8.0 micron होता है जबकि WBCs का आकार 6.0-20 micron हो सकता है। Human sperm अपेक्षाकृत अधिक लम्बे 50 micron तक होते हैं जबकि ovum का आकार 100 micron तक हो सकता है।
Structure of cells
किसी cell के दो प्रमुख भाग होते हैं, इसको चरों ओर से घेरने वाली cell membrane एवं इसके अंदर एकत्रित पदार्थ, protoplasm । यह protoplasm ही किसी cell का वास्तविक जीवित पदार्थ होता है।
Cell membrane
इस शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम C Nageli एवं C Cramer ने 1855 में किया था। JQ Plower ने 1931 में इसे plasmalemma नाम दिया जबकि Robertson ने 1959 में इसके लिए unit membrane नाम सुझाया। इसको निर्मित करने वाले विभिन्न अवयव निम्नांकित हैं।
Carbohydrates लगभग 5%
Proteins लगभग 60-80% - इनका निर्माण विभिन्न amino acids से होता है।
Lipids लगभग 2040% - यह विभिन्न phospholipids, lecithin, cephalin एवं sphingomyelin से बने होते हैं।
Functions of cell membrane
यह cell के चारों ओर की दीवार (cell boundary) का निर्माण करती है।
अपनी selective permeability के कारण यह cell में आने-जाने वाले विभिन्न पदार्थों की मात्रा निर्धारित करती है। यह active अथवा passive transport के रूप में हो सकता है।
Cell membrane का कुछ भाग अलग होकर अपने संपर्क में आने वाले कुछ पदार्थों को सीधे-सीधे ही cell के अंदर ले लेता है। इन प्रक्रियाओं को pinocytosis एवं phagocytosis कहते हैं।
अगल-बगल में उपस्थित cells, कुछ adhessions के द्वारा परस्पर जुडी हो सकती हैं। यह adhessions, inter-cellular communication में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Protoplasm
Cell membrane के भीतर उपस्थित सभी पदार्थ, protoplasm कहलाते हैं। इसके भी दो प्रमुख भाग होते हैं, cytoplasm एवं nucleus ।
Cytoplasm
यह शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम Strasburger ने 1882 में किया था। यह वास्तव में एक colloidal solution है जो कुछ स्थानों पर तो एक समान (homogenous) दीखता है परन्तु अन्य स्थानों पर इसमें उपस्थित पदार्थों के कारण granulaed अथवा vacuolated । Cytoplasm में मिलने वाले कुछ प्रमुख cell orgenelle निम्नांकित हैं।
Mitochondria
इसकी खोज Kolliker ने 1880 में की थी जिसने इसे striated muscles में देखने के कारण sarcosome नाम दिया था। बाद में Altmann ने इसे १८९२६में इसे bioplast नाम दिया। इसका प्रचलित नाम, mitochondria, Benda ने 1897 में दिया था।
Mitochondria केवल eukaryotic cells में ही मिलते हैं, prokaryotic cells में नहीं। किसी cell के निर्धारित कार्यों के अनुसार cell में इनकी संख्या कम अथवा अधिक हो सकती है। RBCs में तो cell maturation के साथ-साथ अन्य cell orgenelle की भांति mitochondria भी विलुप्त होते जाते हैं।
किसी cell की समस्त गतिविधियों के लिए आवश्यक ऊर्जा, mitochondria में ही adenosine triphosphate (ATP) के रूप में संग्रहित रहती है। इसीलिए इसे cell का power house भी कहते हैं।
Ribosomes
आकार में 150-250 A के होने के कारण ribosomes, किसी cell में उपस्थित सबसे छोटे cell orgenelles में से एक होते हैं। यह ribonucleoproteins (50% RNA एवं 50% proteins) से मिलकर बने होते हैं। Cytoplasm के differential centrifugation के द्वारा इन्हें अलग से एकत्रित किया जा सकता है जिसमें अलग-अलग आकार के ribosomes, अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित हो जाते हैं। इन श्रेणियों के आधार पर ribosomes को अलग-अलग sedimentation coefficient में बांटा जा सकता है जिसकी यूनिट Swedberg unit या S-unit होती है। इस आधार पर ribosomes, 70S एवं 80S, दो प्रमुख प्रकार के होते हैं।
Ribosomes में Mg++ की मात्रा बढ़ने पर यह दो-दो ribosomes के समूह (dimer) बना लेते हैं।
Ribosomes का मुख्य कार्य है proteins का निर्माण करना। इसीलिए इन्हें cell की protein factory भी कहते हैं। Protein synthesis के दौरान अनेक ribosomes एक chain के रूप में जुड़ जाते हैं। इस संरचना को polyribosome या polysome कहते हैं।
Centriole
Mitochondria की भांति centrioles की खोज भी Benden ने 1887 में की थी परन्तु उन्होंने इसे cytosol कहा था। Centriole नाम T Boveri ने 1888 में दिया था।
दिखने में यह किसी cartwheel (बैलगाड़ी के पहिये) के जैसा दीखता है। सामान्यतः यह nucleus के समीप,एक अन्य खोल, centrosome, में मिलता है। Cell division को आरम्भ करने में यह प्रमुख भूमिका निभाता है।
Golgi complex
इसके अविष्कारक Camillo Golgi (1898) के नाम पर ही इनका नाम पड़ा। इन्हें Golgi bodies अथवा Golgi apparatus भी कहते हैं। यह भी eukaryotic cells में ही मिलते हैं, prokaryotes में नहीं। अन्य cell orgenelles की भांति mature RBCs में यह विलुप्त हो जाते हैं।
Golgi bodies में मुख्यतः proteins (60%) एवं lipids (40%) होते हैं। इनके अतिरिक्त इनमें कुछ enzymes जैसे thiamine pyrophosphatase एवं transferease एवं RNA, DNA तथा polysaccharides भी मिलते हैं। इनके प्रमुख कार्य निम्नांकित हैं।
Secretory vesicles का निर्माण करना
Sperms में acrosomes का निर्माण करना
Polysaccharides का निर्माण करना
Lysosomes
इनकी खोज DeDuve एवं Novikott ने 1955 में की थी। यह मुख्यतः secretory cells (जैसे liver एवं pancreas) तथा kidneys, spleen एवं leucocytes में मिलते हैं।
इनके प्रमुख कार्य निम्नांकित हैं।
Harmful extracellular particles को phagocytosis के बाद digest करना
Unwanted intracellular particles को digest करना
Cell के ही पुराने एवं टूटे-फूटे orgenelles को digest करना
Cytoplasmic granules
Cytoplasm में अनेक nutrients (जैसे glycogen), hormones, pigments एवं digestive secretions, granules के रूप में संग्रहित रहते हैं।
Vacuoles
Cytoplasm में मिलने वाली fat droplets, किसी खाली स्थान या vacuples की भांति ही दिखाई देती हैं।
Nucleus
Nucleus की खोज Robert Brown ने orchid की cell में 1831 में की थी। J Hammerling ने 1953 में Acetabularia algae में इसके heredity में महत्व को पहचाना था।
अधिकांशतयः यह cell के केंद्र में रहता है परन्तु कुछ cells (जैसे secretory cells) में यह किसी एक किनारे में भी स्थित मिल सकता है।
अधिकाँश cells में केवल एक nucleus होता है (mononucleate अथवा uninucleate) परन्तु शरीर की कुछः cells में इनकी संख्या दो (binucleate) अथवा दो से अधिक (multinucleate या polynucleate) भी हो सकती है।
अधिकांशतः nucleus spherical आकार का ही होता है परन्तु cell के कार्यों के अनुसार इसका आकार ellipsoidal, discoid (चपटी प्लेट के जैसा) अथवा irregular भी हो सकता है।
Cell में nucleus का आकार, cell में cytoplasm की मात्रा के अनुपात में ही होता है। Nucleus में chromosomes की मात्रा जितनी अधिक होगी, nucleus का आकार भी उतना ही अधिक होगा।
Nucleus के 4 प्रमुख भाग होते हैं।
Nuclear membrane या karyotheca
Nucleoplasm, nuclear sap या karyolymph
Nucleolus एवं
Chromatin fibres
Composition of cells
Proteins
Proteins को शरीर की मुख्य building unit कहा जाता है। आओ समझते हैं की cellular level पर proteins कहाँ कहाँ उपयोग में आती हैं। शरीर निर्माण में प्रयुक्त होने cellular proteins मुख्यतः filaments के रूप में मिलती हैं जो अनेकों protein molecules के polymers से बनती हैं। Cells के भीतर यह polymers microtubules का निर्माण कर cell का cytoskeleton बनाते हैं, जबकि cell के बाहर वह collagen, elastin, tendon एवं ligaments के रूप में मिलते हैं।
Cell membrane में मिलने वाली यह structural proteins मुख्यतः glycoproteins होती हैं जो tubular अथवा globular forms में मिलती हैं तथा lipid bilayer में freely float करती रहती हैं। Cell membrane की बाहरी सतह से भीतरी सतह तक through and through मिलाने वाली यह membrane spanning integral proteins EC एवं IC compartments के मध्य communication का दायित्व संभालती हैं। यह channels, pores, carrier proteins, enzymes अथवा receptors बनती हैं।
Cell membrane में ही कुछ अन्य proteins भी मिलती हैं जो membrane spanning न हो कर किसी अन्य membrane spanning integral protein की बाहरी अथवा भीतरी surface से जुड़ी हो सकती हैं। यह peripheral proteins इन integral proteins से होने वाले transport के controller अथवा enzymes के रूप में कार्य करती हैं। इसी प्रकार की functional proteins, cell membrane से bound हुए बिना IC compartment में freely भी पायी जा सकती हैं।
Lipids
Lipids किसी cell में दो रूपों में मिल सकते हैं, cell membrane के constituent के रूप में (structural lipids) तथा fat store के रूप में (stored lipids)। Structural lipids, cell membrane का लगभग 42% भाग बनाते हैं जिसमें प्रमुख हैं - phospholipids (25%), cholesterol (13%) एवं neurons में sphingolipids। Cell के भीतर stored lipids, simple (neutral fats) एवं complex (triglycerides) रूप में मिलता है। यूँ तो किसी cell में इन stored lipids की मात्रा बहुत थोड़ी ही होती है परंतु adipocytes, जिनका काम ही lipid storage का है, उनमें stored triglycerides की मात्रा 95% तक पहुँच सकती है।
Carbohydrates
Proteins एवं lipids के विपरीत carbohydrates किसी cell में बहुत थोड़ी मात्रा में (~1%) होते हैं। इसमें कुछ भाग cell membrane के structural carbohydrates के रूप में एवं शेष भाग cytoplasm में food store के रूप में मिलता है।
Structural carbohydrates - किसी cell membrane का केवल 3% भाग ही carbohydrates से बनता है। यह भी pure carbohydrate न होकर proteins अथवा lipids के साथ जुड़कर glycoprotein (90%) अथवा glycolipid (10%) के रूप में होता है। अधिकांशतयः यह glycoproteins एवं glycolipids किसी cell membrane के चरों ओर एक layer बना लेते हैं जिसे glycocalyx कहते हैं। अगल बगल की दो cells के मध्य यह glycocalyx एक cementing substance के रूप में कार्य करता है। Negatively charged होने के कारण यह glycocalyx, अन्य negatively charged particles (जैसे bacterias) को repel करता है। इसके अतिरिक्त, यह glycocalyx ही cell membrane से बाहर निकल कर कुछ hormones जैसे insulin, के receptor भी बनाता है।
Stored carbohydrates - Cells की metabolic needs को पूरा करने के लिए कुछ carbohydrates cells के भीतर भी stored रहते हैं। इसमें से कुछ भाग simple carbohydrate अर्थात glucose के रूप में cytoplasm में dissolved रहता है जबकि शेष भाग glycogen के रूप में cytoplasm में dispersed रहता है। यहाँ यह प्रश्न तुम्हारे मन में उठ सकता है कि carbohydrate को इन दो रूपों में रखने की क्या आवश्यकता है? जरा सोचो, यदि सारा carbohydrate, glucose के रूप में ही हो तब cytoplasm की concentration कितनी बढ़ जाएगी? ऐसे hypertonic cytoplasm में osmosis के कारण cell burst तक हो सकती है। परंतु यहाँ तुम यह भी पूछ सकते हो कि इस glucose को glycogen में बदलने से भी क्या लाभ मिलेगा? वास्तव में, soluble glucose के polymerisation की प्रक्रिया में वह water insoluble हो जाता है। अब इस insoluble form में glycogen की विशाल मात्रा भी cytoplasm की viscosity बढ़ाये बिना ही store की जा सकती है। क्योंकि glycogen की सर्वाधिक आवश्यकता liver एवं skeletal muscle cells में होती है इसलिए इन्हीं दोनों cells में stored carbohydrate content भी अन्य cells की अपेक्षा अधिक होता है। जहाँ सामान्य cells का केवल 1% भाग ही carbohydrate का होता है, वहीँ skeletal muscles में यह 3% तथा liver cells में यह 6% तक हो सकता है।
Cells keep their size small
जरा सोचो, आखिर किसी mature cell को छोटी-छोटी cells में विभाजित होने की आवश्यकता ही क्यों पड़ी? क्या शरीर का कार्य असंख्य छोटी cells के स्थान पर कुछ बड़ी cells से नहीं चल सकता था? थोड़ा सोचने पर तुम इसके कारण तक पहुँच सकते हो। ध्यान दो, किसी cell में उसकी metabolic activities के लिए आवश्यक nutrients एवं oxygen, capillaries से निकलने के बाद, interstitial fluid से diffuse होते हुए cell तक पहुँचते हैं। Cell membrane को पार करने के पश्चात् भी वह diffusion के माध्यम से ही cytoplasm के विभिन्न भाग एवं orgenelles तक पहुँचते हैं। इस प्रक्रिया में इन nutrients को दो प्रकार के fluid mediums से diffuse करना पड़ता है, capillaries एवं cell membrane के मध्य ECF एवं cell के भीतर ICF । किसी cell के आकार में अत्यधिक बड़े हो जाने पर cell के भीतरी भागों में nutrients एवं oxygen की मात्रा अपेक्षाकृत कम पहुँच सकेगी एवं इस प्रक्रिया में समय भी अधिक लगेगा। इसी प्रकार की बाधा cellular metabolism द्वारा उत्पन्न metabolites एवं CO2 को cell से बाहर निकालने में भी आएगी।
तुम जानते हो कि किसी आकृति का volume एवं surface area परस्पर inversally proportional होते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि cell के आकार में बड़ा होते जाने पर उसका volume जितना अधिक होगा, इसकी तुलना में उसका surface area उतना कम रह जाएगा। क्योंकि ECF एवं ICF के मध्य होने वाला यह आदान-प्रदान cell membrane के माध्यम से ही होता है अतः किसी cell के आकार में छोटा होने पर उसकी cell membrane का surface area बढ़ जाएगा एवं nutrients एवं metabolites का आदान-प्रदान अधिक सरलता एवं शीघ्रता से हो सकेगा। अपनी metabolic needs को सुचारु रूप से पूरा करने के लिए cells अपने आकार को छोटा रखने का प्रयास करती हैं।
किसी cell के आकार अत्यधिक बढ़ जाने पर दो cells के मध्य का extracellular space भी बढ़ जाएगा जिससे capillary एवं cell के मध्य की दूरी (एवं ECF की मात्रा) भी बढ़ जायेगी। Cell का आकार छोटा रखने से capillary एवं cell membrane के मध्य की दूरी को घटाने में भी सहायता मिलती है। इसी कारण से शरीर की अधिकाँश cells, capillaries के 50 micrometer के भीतर ही रहती हैं जिससे ECF के माध्यम से भी nutrients एवं metabolites का आदान-प्रदान अधिक सरलता एवं शीघ्रता से हो सके।
Cells keep their size small by cell division because,
It keeps the cell close (<50 microm) to the capillaries - facilitates rapid transport through ECF
It increases surface area of the cell - facilitates diffusion between ECF and ICF
It limits volume of the cell - facilitates rapid transport within ICF
Cell organelle
Ribosomes
Nucleus से आये mRNA से मिली सूचनाओं के आधार पर ही ribosomes में proteins का निर्माण होता है। इनमें कुछ proteins तो ribosomes से सीधे ही cytoplasm में छोड़ दी जाती है जबकि अधिकाँश proteins, ribosomes से ER की lumen में पहुँचती है।
Ribosomes स्वयं में भी एक proteinaceous structure है जो मुख्यतः दो प्रकार की proteins से बनता है, ribosomal protein एवं ribosomal RNA । Nuclear DNA द्वारा ही इनका निर्माण होता है। यह दोनों proteins परस्पर मिलकर immature ribosome का निर्माण करती हैं जो nucleolus में संगृहित होता जाता है। Protein secreting cells में अधिक ribosomes के निर्माण के कारण nucleolus का आकार बड़ा मिलता है जबकि अन्य में छोटा। आरंभिक processing के पश्चात् nucleolus इन immature ribosomes को nuclear membrane के pores से cytoplasm में छोड़ देता है जहाँ पहुंचकर यह पूर्णरूप से mature होकर protein synthesis का कार्य आरम्भ कर देते हैं।
प्रत्येक ribosome 2 globular, proteinaceous subunits का बना होता है, small एवं large subunits । इन्हीं दोनों subunits के मध्य से mRNA गुजरता जाता है और उसके द्वारा उपलब्ध कराई गयी सूचना के आधार पर rRNA, tRNA से amino acids को लेकर उन्हें जोड़ते हुए protein chain का निर्माण करता है। इसकी तुलना भी stapler से की जा सकती है जिसके दोनों heads अलग-अलग आकार के होते हैं, जिनके बीच में कागज़ रखकर उसको staple कर दिया जाता है। कई बार किसी बड़ी प्रोटीन को बनाने के लिए एक ही ribosome के स्थान पर, क्रम में लगे अनेक ribosomes एक साथ उस प्रोटीन के अलग-अलग भागों को बनाते जाते हैं। इन्हें polyribosomes कहते हैं।
Ribosomes के द्वारा बना यह protein अभी अपनी परिपक्व अवस्था में नहीं होता। तुम जानते हो कि protein Cell के बाहर secrete करने के पूर्व इसमें अनेक परिवर्तनों की आवश्यकता पड़ती है जिसे processing कहते हैं।
Nucleus से आये mRNA से मिली सूचनाओं के आधार पर ही ribosomes में proteins का निर्माण होता है। इनमें कुछ proteins तो ribosomes से सीधे ही cytoplasm में छोड़ दी जाती है जबकि अधिकाँश proteins, ribosomes से ER की lumen में पहुँचती है।
Endoplasmic reticulum (ER)
यह किसी cell का अत्यंत महत्वपूर्ण orgenelle है जिसके दो प्रमुख कार्य हैं
Cell में निर्मित अनेक पदार्थों की processing
Processing के बाद इन पदार्थों का cell के भीतर एवं बाहर transportation
Cell के अनेक महत्वपूर्ण orgenelles की भांति ही यह भी double layered membranes से घिरा रहता है। यह दोनों membranes, cell membranes की ही भांति lipid bilayer की बनी होती हैं। इसकी membranes में अनेकों enzymes की प्रचुरता होती है जो cellular secretions का निर्माण करने में सहायक होते हैं। क्योंकि किसी cell में बनने वाले अधिकाँश पदार्थ nucleus में ही बनना आरम्भ करते हैं अतः उनकी processing के लिए यह आवश्यक है कि ER, nucleus के समीप एवं उससे जुड़ा हुआ हो। इसीलिए, ER की membranes, nucleus की भी double layered membranes से जुडी रहती हैं। साथ ही इनके मध्य भरा fluid या matrix भी परस्पर मिला रहता है।
ER एक नलीनुमा संरचना है जिसमें अनेकों नलियां (tubules), nucleus के बगल में multilayered reticulum (जाल) के रूप में लगीं रहती हैं। यह tubules परस्पर जुडी रहती हैं जिससे उनमें भरे पदार्थ की processing के बाद उसे cell के दूसरे भागों में पहुँचाया जा सके। इन्हीं tubules का कुछ भाग टूटकर vesicles का निर्माण कर लेता है जिनके द्वारा ER में process हुए पदार्थों को cell के दूर के भागों में पहुँचाया जा सके जहाँ यह tubules फैली नहीं होतीं। यही vesicles, इन पदार्थों को cell के बाहर भेजने के लिए cell membrane तक ले जाने के लिए भी प्रयुक्त होती हैं। Cellular secretions की की processing केवल ER में ही पूर्ण नहीं हो पाती। इसका कुछ कार्य Golgi apparatus (GA) में भी होता है। इसके लिए ER से निकली immature vesicles, GA में पहुँचती हैं जहाँ उनकी final processing एवं packaging के उपरांत mature secretory vesicles का निर्माण होता है।
किसी cell में बनने वाले पदार्थ मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं, proteins एवं lipids । तुम जानते हो कि nucleus से mRNA के द्वारा मिली सूचना के आधार पर proteins का निर्माण ribosomes पर होता है। अतः जिस cell में मुख्यतः proteinaceous पदार्थों का निर्माण होता है उनमें यह ribosomes, ER के ऊपर ही जुड़े रहते हैं जिससे उनमें बनने वाली protein को सीधे-सीधे ER में पहुंचकर वहां उनकी processing करवाई जा सके। इसीलिए protein secreting cell में ER की सतह पर असंख्य ribosomes जुड़े रहते हैं जो ER की सतह को खुरदुरा बना देते हैं। इसीलिए इन्हें rough ER (RER) या granular ER कहते हैं। Proteinaceous enzymes का निर्माण करने वाली GIT की glands एवं proteinacous hormones बनाने वाली pituitary एवं thyroid glands में यह RER प्रचुरता से मिलते हैं। इनके विपरीत, जिन cells में मुख्यतः lipid substances का निर्माण होता है उनके ER पर इन ribosomes की आवश्यकता न होने के कारण उनकी सतह सपाट रहती है। इसीलिए, lipid secreting cells में smooth ER (SER) या agranular ER पाए जाते हैं। Steroid hormones का निर्माण करने वाली adrenal gland एवं testes अथवा ovaries में इन्हीं SER की प्रचुरता मिलती है। SER में ही phospholipids एवं cholesterol का भी निर्माण होता है जो lipid bilayer membrane का निर्माण करते हैं। यही membrane, double membraned cell orgenelle की covering एवं cell membrane के निर्माण में भी प्रयुक्त होती है। Double layered membrane के बनने से ER की tubules आकार में बढ़ती जाती हैं। अत्यधिक बड़ी होने पर इसका अतिरिक्त भाग vesicle के रूप में टूटकर निकल जाता है जो Golgi apparatus, mitochondria अथवा cell membrane से जुड़कर इस membrane को उनतक पहुंचा देता है।
Golgi bodies or Golgi apparatus
ER की भांति GA भी secretory cells का प्रमुख orgenelle है जिसका कार्य है ER में processing के द्वारा बने हुए protein अथवा lipid secretion को cell के बाहर भेजने के लिए pack करना। संरचना में यह smooth ER के समान ही लगता है। इसकी tubules कुछ अधिक चपटी एवं प्लेटनुमा होती हैं जो ER के समान ही double layered membranes से बनी एवं परस्पर जुडी रहती हैं। दिखने में यह एक के ऊपर एक रखी प्लेट की भांति लगती हैं जो ER के समीप ही रहती हैं।
ER में processing के द्वारा बना हुआ protein अथवा lipid secretion, ER vesicles के द्वारा GA में पहुँचता है। GA का ER के समीप का भाग इसका cis- भाग कहलाता है जो ER में बनी इस immature vesicle या transport vesicle को ग्रहण करता है। दोनों की membranes एक समान होने के कारण यह vesicle बड़ी सरलता से GA में जुड़ जाती है जिससे उसका secretion, GA की lumen में पहुँच जाता है। यहीं इसकी final processing एवं packaging होती है। Packaging के दौरान ER के secretions को concentrate किया जाता है जिससे वे छोटी vesicles में pack किये जा सकें। जिसके फलस्वरूप GA के दूसरे सिरे (trans-) से टूटकर mature secretory vesicle का निर्माण होता है। यही secretory vesicle, cell membrane तक पहुंचकर उससे मिल जाती है एवं अपने secretions को cell के बाहर निकाल देती है। Secretory vesicles के अतिरिक्त GA से lysosomes का भी निर्माण होता है।
कुछ large polysaccharide molecules का निर्माण ER में नहीं हो पाता। यह molecules GA में बनते हैं। जब ER में बने हुए छोटे protein molecules, GA में बनने वाले इन large polysaccharide molecules से जुड़ते हैं तब hyaluronic acid एवं chondroitin sulphate का निर्माण होता है। इन्हीं के द्वारा mucus secretions के proteoglycan, ECF के ground substance एवं cartilage तथा bone की organic matrix का निर्माण होता है।
ER में protein synthesis का कार्य 5 मिनट के अंदर ही आरम्भ हो जाता है। लगभग 30 मिनटों में ही यह processing के लिए Golgi apparatus में पहुँच जाती हैं एवं 1-2 घंटों में ही processing एवं packaging की प्रक्रिया सम्पूर्ण हो जाती है एवं secretions, cell से बाहर secrete भी होने लगते हैं।
Cell membrane
न्यूरॉन्स अथवा यूं कहें कि शरीर में उपस्थित सभी सेल्स में इलेक्ट्रिकल चार्ज के फ्लो के लिये जो संरचना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, वह है सेल मेम्ब्रेन। यदि किसी सेल में भीतर आने वाले एवं बाहर जाने वाले पदार्थों की मात्रा को नियंत्रित न किया जाये तब तो intracellular fluid (ICF) एवं extracellular fluid (ECF) की संरचना (composition) भी एक समान हो जायेगी। इससे तो किसी सेल की अपनी विशिष्टता ही समाप्त हो जायेगी। इसीलिये सेल मेम्ब्रेन में एक अतिआवश्यक गुण विकसित होता है, जो है selective permeability। प्रत्येक सेल अपनी आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न पदार्थों को अपने अंदर आने देती है एवं जो अनावश्यक हैं उन्हें बाहर निकालती रहती है। क्योंकि ICF एवं ECF दोनों में ही जल की प्रधानता है अतः सर्वप्रथम तो इनके मध्य जल के मॉलीक्यूल्स के आवागमन को ही नियंत्रित रखना होगा। जल एवं जल में घुलनशील मॉलीक्यूल्स के मुक्त आवागमन को रोकने के लिये एक अवरोधक (barrier) के रुप में सेल मेम्ब्रेन का विकास हुआ।
Structure of the cell membrane
The lipid bilayer
क्योंकि जल एवं लिपिड्स एक दूसरे में नहीं घुलते, इसीलिये प्रकृति ने सेल मेम्ब्रेन बनाने के लिये लिपिड्स को चुना जिससे इससे होकर जल का मूवमेंट न हो सके। अब क्योंकि लिपिड्स hydrophobic होते हैं, जो जल के संपर्क में भी नहीं रह सकते एवं इससे दूर भागते हैं, इसीलिये मेम्ब्रेन बनाने के लिये phospholipids भी चुने गये, जिनका एक छोर hydrophilic (किंतु lipophobic) phosphate group का हो, जो ECF के जल के संपर्क में रह सके तथा दूसरा छोर hydrophobic (किंतु lipophilic) fatty acids का जो लिपिड्स के संपर्क में भी रह सके। परंतु अब यही दिक्कत सेल के भीतर होने लगी अर्थात hydrophobic fatty acids ICF के जल के साथ किस प्रकार निभायें? इसके लिये सेल मेम्ब्रेन को double layered बनाना पड़ा, जिसमें एक बाहरी परत हो जिसकी hydrophilic phosphate moiety ECF के संपर्क में एवं इसके भीतर hydrophobic fatty acid moiety हो तथा दूसरी भीतरी परत जो बाहरी परत से ठीक उल्टी हो, अर्थात दूसरी परत में hydrophilic phosphate moiety भीतर हो जो ICF के संपर्क में रह सके तथा hydrophobic fatty acid moiety बाहर। इस प्रकार जो double layered संरचना विकसित हुई उसकी बाहर से भीतर वास्तव में 4 परतें हुईं – phosphate – fatty acid – fatty acid – phosphate। इस प्रकार से phosphate ग्रुप्स क्रमशः ECF एवं ICF के साथ रह सकेंगे एवं fatty acid ग्रुप्स परस्पर एक दूसरे के साथ।
फैटी एसिड्स की दोनों परतें वास्तव में एक दूसरे को आकर्षित भी करती हैं, जिससे फॉस्फोलिपिड्स की दोनों परतें परस्पर चिपकी रहती हैं। इन दोनों परतों के मध्य में एक तीसरा पदार्थ, कोलेस्ट्रॉल भी इन्हें जोड़ने के लिए सीमेंट की भांति कार्य करता है तथा सेल मेम्ब्रेन को जल के लिए और भी अधिक impermeable बनाता है। सेल मेम्ब्रेन में एक अन्य प्रकार का लिपिड भी मिलता है, जो sphingosine नामक aminoalcohol से बना होने के कारण spingolipid कहलाता है। यह मुख्यतः न्यूरॉन्स में मिलता है तथा signal transmission में भी सहायक होता है।
इस प्रकार प्रत्येक सेल मेम्ब्रेन वास्तव में एक lipid bilayer है। इसकी संरचना को fluid mosaic model कहा जाता है, जो वास्तव में एक गाढ़े तेल की तरह की आचरण करती है एवं अपने दोनों ओर विभिन्न पदार्थों को सहजता से आने जाने देती है। इस आवागमन की शर्त बस यही है कि वह पदार्थ लिपिड में घुलनशील होना चाहिये। कल्पना करें, एक बीकर में जल के ऊपर गाढ़े तेल की एक मोटी परत है। यह परत एक अवरोधक का कार्य तो करेगी, परन्तु जिस प्रकार कोई वजन इस परत के पार नीचे जल में जा सकता है एवं दोबारा ऊपर खींचा भी जा सकता है, उसी प्रकार का आवागमन सेल मेम्ब्रेन की lipid bilayer से होकर भी हो सकेगा। जिस प्रकार oil की layer वजन के निकल जाने के उपरांत पुनः पहले की ही भांति हो जाती है, उसी प्रकार सेल मेम्ब्रेन भी लिपिड में घुलनशील पदार्थों के निकल जाने के बाद दोबारा पूर्ववत् barrier बना लेती है।
Integral and peripheral cell membrane proteins
परन्तु यह तो संभव नहीं कि किसी सेल में केवल लिपिड में घुलनशील पदार्थ ही प्रवेश करें अथवा इससे बाहर निकलें। आखिर जल, आयन्स एवं जल में घुलनशील अन्य पदार्थ किसी सेल के भीतर कैसे प्रवेश करेंगें? वास्तव में लिपिड में घुलनशील पदार्थों के सेल मेम्ब्रेन से होकर मुक्त आवागमन के विपरीत जल में घुलनशील पदार्थों के सेल मेम्ब्रेन में चैनल्स के रूप में एक अलग, विशिष्ट व्यवस्था होती है जो प्रोटीन्स की बनी होती हैं। यह चैनल प्रोटीन्स किसी द्वार (gate) के समान होते हैं जो सामान्यतः बंद रहते हैं। सेल की अपनी आवश्यकतानुसार उसे जिन-जिन पदार्थों को भीतर लेने अथवा बाहर निकालने की आवश्यकता होती है केवल उनके किये यह सीमित रूप से खुलते एवं बंद होते रहते हैं। विभिन्न पदार्थों के लिए यह चैनल्स भी भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं अर्थात किसी एक पदार्थ के लिए विशिष्ट होते हैं जैसे water channel अथवा sodium channel इत्यादि। इस प्रकार चैनल्स के माध्यम से कोई सेल, जल में घुलनशील पदार्थों के आवागमन को भी नियंत्रित कर सकती है।
जल में घुलनशील अनेक पदार्थ तो इन चैनल प्रोटीन्स के माध्यम से उनके concentration gradient के अनुसार diffusion के माध्यम से स्वतः ही निकल जाते हैं परन्तु कुछ पदार्थों को उनके concentration gradient के विरुद्ध लाना-ले जाना पड़ता है। इन पदार्थों को किसी अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे पदार्थों को लाने-ले जाने के लिए कुछ चैनल्स, carrier proteins की भांति भी कार्य करती हैं। उपरोक्त चैनल्स एवं carrier proteins, सेल मेम्ब्रेन की बाहरी सतह से आरम्भ होकर, इससे गुजरती हुई भीतरी सतह तक पहुंचकर समाप्त होती हैं। अतः इन्हें transmural proteins कहते हैं (trans = एक ओर से दूसरी ओर; mural = दीवार) । इस प्रकार एक सेल किसी घर के समान हुई जिसमें घर के व्यक्तियों के लिए कहीं से भी आने-जाने की छूट है जबकि बाहरी व्यक्तियों के लिए विशिष्ट द्वार हैं जो अनुमति मिलने पर ही खोले जाते हैं। कुछ बाहरी व्यक्ति इस द्वार से स्वतः ही प्रवेश कर लेते हैं जबकि कुछ अन्य को सहारा देकर लाना-ले जाना पड़ता है।
उपरोक्त व्यक्तियों के अतिरिक्त, कुछ व्यक्ति ऐसे भी होते हैं जिन्हें घर के अंदर ही नहीं बुलाया जाता। उनसे घर के बाहर से ही सन्देश लेकर उन्हें विदा कर दिया जाता है। इसी प्रकार, किसी सेल की सेल मेम्ब्रेन पर शरीर के अन्य भागों से मिलने वाली विभिन्न सूचनाओं को ग्रहण करने के लिए रिसेप्टर्स लगे होते हैं। चैनल्स की भांति यह रिसेप्टर्स भी प्रोटीन्स के बने होते हैं।इनमें कुछ रिसेप्टर प्रोटीन्स transmural होते हैं जबकि कुछ अन्य सेल मेम्ब्रेन की केवल बाहरी सतह पर ही लगे होते हैं। प्रत्येक रिसेप्टर किसी विशिष्ट (specific) संदेशवाहक (messenger molecule) से ही जुड़ता है जिसे उस रिसेप्टर का ligand कहते हैं। Transmural receptor proteins में इनको उत्तेजित करने वाला ligand, रिसेप्टर के extracellular domain (भाग) से जुड़कर इसके intracellular domain को उत्तेजित करा देता है जो सेल के भीतर ligand के कार्यों को संपन्न करता है। इनके विपरीत जो रिसेप्टर्स transmural न होकर केवल सेल मेम्ब्रेन की बाहरी सतह पर ही लगे होते हैं, ligand से जुड़ने के बाद उन्हें ligand द्वारा लाये गए सन्देश को सेल के भीतर पहुँचाने के लिए यह मेम्ब्रेन की भीतरी सतह पर किसी अन्य messenger का उपयोग करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में इस दूसरे messenger को second messenger कहते हैं जबकि first messenger वह ligand (या hormone) स्वयं कहलाता है।
इनके अतिरिक्त, कुछ peripheral protein molecules किसी चैनल के केवल extracellular domain से ही जुड़े रहते हैं तथा चैनल द्वारा हो रहे आवागमन को प्रभावित करते हैं। उपरोक्त channel proteins, carrier proteins, transmural receptors एवं extracellular receptors सभी, सेल मेम्ब्रेन की ही संरचना का भाग होने के कारण integral protein molecules कहलाते हैं।
Membrane carbohydrate
सेल मेम्ब्रेन में लिपिड्स एवं प्रोटीन्स की प्रचुरता के विपरीत, अत्यंत थोड़ी मात्रा (<5%) में कार्बोहाइड्रेट्स भी होते हैं। यह मुख्यतः सेल मेम्ब्रेन की बाहरी सतह पर उभरे हुए मिलते हैं। इसीलिए, जिस प्रकार फूल में सबसे बाहर निकली पंखुड़ियां calyx कहलाती हैं, उसी प्रकार, सेल में भी इन बाहर निकली कार्बोहाइड्रेट की संरचनाओं को glycocalyx कहते हैं। यह मुख्यतः तीन प्रकार का हो सकते हैं।
- Membrane proteins के साथ मिलकर glycoprotein के रूप में
- Membrane lipids के साथ मिलकर glycolipid के रूप में, एवं
- Membrane protein से जुड़े हुए proteoglycan के रूप में
इनके द्वारा सम्पादित होने वाले कार्य निम्नांकित हैं।
- यह कुछ हॉर्मोन्स के लिए रिसेप्टर्स के रूप में कार्य कर सकते हैं।
- यह अगल-बगल की सेल्स को परस्पर जोड़ने में मदद कर सकते हैं।
- अपने निगेटिव चार्ज के कारण यह अन्य निगेटिव चार्ज युक्त पदार्थों, जैसे बैक्टीरिया, को दूर ढकेलते हैं। इस प्रकार यह सेल की प्रतिरोधक क्षमता बनाये रखने में भी सहायक होते हैं।
- यह एक एन्टीजेन के रूप में कार्य करते हुए इम्म्यूनोलॉजिकल रिएक्शन्स में भी भाग ले सकते हैं।
Properties of cell membrane
⁃ 7.5 - 10 nm thick
⁃ Flexible and elastic in nature
Composition
The fluid - Lipid bilayer
0. Phospholipids (hydrophilic phosphates and hydrophobic fatty acids) 25% - main constituent of lipid bilayer
0. Cholesterol 15% - dissolved in the lipid bilayer. Determines fluidity and permeability of the membrane
0. Sphingolipids (with similar hydrophilic and hydrophobic groups) - especially found in nerve cells
0. Carbohydrates <5%
The mosaic - Proteins 55% - mainly glycoproteins
0. Integral proteins - that traverses from outside to inside of the membrane
⁃ Channel proteins or pores - that allows substances to pass through them - water and ion channels or pores
⁃ Carrier proteins - that carries substances along with them, with or without requiring energy
⁃ Transmembrane receptor protein - Binding of hormone on extracellular domain produces changes in intracellular domain that produces its actions
0. Peripheral protein - that are attached on one of the surface of the membrane
⁃ Surface rector proteins - Binding of hormone on the receptor stimulates intracellular second messenger that produces its actions
⁃ Peripheral protein attached to integral protein - that controls the activity of integral protein
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