- by Dr. Pankaj Kumar Agarwal
- at 14th Aug, 2018
Hemoglobin - An excellent acid-base buffer

किसी अन्य blood cell से बिलकुल अलग, RBCs का एक विशिष्ट गुण इनके अंदर मिलने वाला enzyme, carbonic anhydrase(CAH) है। Blood में CO2 की मात्रा बढ़ते ही वह RBC के अंदर इतनी सरलता से प्रवेश कर जाती है, मानों cell membrane का कोई अस्तित्व ही न हो। RBC में उपस्थित CAH enzyme, CO2 एवं H2O को मिला कर इनसे H2CO3 का निर्माण कराता है, जो किसी solution में बनते ही H+ एवं HCO3– में टूट जाता है। यह HCO3– बनते ही RBC से बाहर निकल कर plasma में पहुँच जाता है। इस प्रकार, RBCs, न केवल Hb के माध्यम से O2 transport में मदद करती हैं बल्कि अपने विशिष्ट enzyme, carbonic anhydrase के कारण CO2 के transport में भी। ध्यान रहे, यह CO2, HCO3– के रूप में plasma के द्वारा ले जाया जाता है।
इस प्रकार, RBCs के दो मुख्य कार्य हुए
1. RBCs में, Hb के कारण से होने वाला O2 transport
2. Plasma में, RBCs के CAH के कारण से होने वाला CO2 transport
याद करो, proteins, acid-base buffer system के रूप में किस प्रकार कार्य करते हैं? तुम जानते हो कि proteins slightly negatively charged molecules होते हैं, जिनकी स्वाभाविक प्रवत्ति होती है कि वह किसी cation, जैसे H+, से संयोग करें। Blood में H+ का स्तर बढ़ते ही plasma proteins, एवं इसके बाद H+ का स्तर ECF में बढ़ने पर ECF में उपस्थित proteins, इस H+ से bind करने के लिए तुरंत उपलब्ध रहती हैं। परन्तु intracellular proteins काफी बड़ी मात्रा में उपलब्ध होने के बाद भी इस H+ से bind करने के लिए शीघ्र उपलब्ध नहीं हो पातीं। इसका कारण यह है कि H+, cell membrane से होकर बहुत धीमी गति से ही गुजर पाते हैं। इसी कारण से, H+ सबसे पहले plasma में बढ़ते हैं जहाँ वह plasma proteins से bind कर सकते हैं, इसके बाद जैसे-जैसे H+ capillary membrane से leak होकर ECF में पहुँचते हैं, वह ECF में उपस्थित proteins से bind कर पाते हैं। इसके बाद भी यदि H+, excess में बचे रहते हैं तब वह धीमे-धीमे cell membrane से गुजरते हुए intracellular proteins से bind कर पाते हैं।
परन्तु, Hb भी तो intracellular protein है, फिर भी यह H+ से bind करने के लिए इतनी शीघ्रता से किस प्रकार उपलब्ध हो पाता है? तुमने अभी जाना कि RBCs का एक विशिष्ट गुण है, उनमें मिलने वाला enzyme, CAH । तुम यह भी जानते हो कि CO2 किसी cell membrane से होकर बड़ी सरलता से गुजर सकती है। इस प्रकार CO2 का स्तर बढ़ते ही वह RBC में प्रवेश कर जाती है जहाँ वह CAH की मदद से H2O से मिलकर H2CO3 बना देती है। H2CO3 बनते ही वह H+ एवं HCO3– में टूट जाता है। H+ तो RBCs के भीतर उपस्थित Hb से bind कर लेता है जबकि HCO3– , RBC की cell membrane से बड़ी सरलता से निकलकर plasma में पहुँच जाता है। यह HCO3– शरीर में बढ़ रही acidity को neutralize करने का कार्य करता है। इस प्रकार Hb तो intracellular रहते हुए भी, directly RBC के भीतर बने H+ को bind करके buffer action में भाग लेता है जबकि HCO3–, RBC के बाहर diffuse होकर circulation में उपलब्ध H+ को bind करके, indirectly buffering action संपन्न कराता है। RBCs में उपलब्ध CAH enzyme के कारण से ही RBC में उपस्थित Hb का buffering effect, intracellular रहते हुए भी, अन्य intracellular proteins की अपेक्षा अधिक शीघ्र होता है।
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