Excitable cells, AP, RMP etc

Excitable cells – Neurons and muscle cells
शरीर की कुछ cells में ionic movment का स्तर अन्य की अपेक्षा काफी अधिक होता है, जो एक स्थान से दूसरे स्थान से किसी current के रूप में प्रवाहित तक हो सकता है. यह cells किसी बाहरी stimulus के मिलने पर इन्हीं electrical activities के रूप में respond भी करते है, जिसके कारण इन्हें excitable cell कहा जा सकता है. उदाहरण - nerve एवं muscle cells. अपने magnitude of response के कारण, किसी ionic activity को समझने के लिए यही आदर्श model होती हैं.
Membrane potential
Electrophysics में किसी electrical field में उपस्थित दो electrical charges के मध्य, उनकी potential energy के अंतर को ही potential अथवा वोल्टेज कहते हैं। Living organisms में भी किसी cell membrane के दोनों ओर अनेक प्रकार के electrical charges (ions) उपस्थित रहते हैं। इन्हीं ions की ionic concentrations में अंतर से भी एक electrical field उत्पन्न होती है जो membrane potential या transmembrane potential का निर्माण करती है। किसी cell की निष्क्रिय अवस्था (resting state) में उसके membrane potential को ही resting membrane potential (RMP) कहते हैं।
परम्परानुसार RMP को cell interior के सन्दर्भ में लिखा जाता है कि cell exterior की तुलना में उसमें कितना potential difference है। सामान्यतयः इसकी मात्रा negative में होती है जिसका अर्थ हुआ कि cell interior में negatively ions या anions की concentration अधिक होती है एवं cell exterior में positively charged ions या cations की। यहाँ यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि उपरोक्त potential difference, cell membrane के दोनों ओर केवल कुछ दूरी तक ही होता है, ICF अथवा पूरे ECF में नहीं।
यहाँ ECF एवं ICF में प्रमुख ionic distribution को भी जान लेना उचित होगा। ECF का प्रमुख cation Na+ (145 mEq/L) एवं प्रमुख anion Cl- (125 mEq/L) है। वहीँ, ICF का प्रमुख cation K+ (140 mEq/L) है जबकि प्रमुख anions, albumin, organic phosphates एवं sulphates होते है। तुम जानते हो कि cell membrane, water के लिए तो freely permeable है जबकि electrolytes के लिए selectively permeable । Cell membrane की selective permeability एवं ions का differential distribution ही RMP उत्पन्न करने वाले सर्वप्रमुख कारण होते हैं।
RMP के प्रमुख लक्षण निम्नांकित हैं।
प्रत्येक cell में कुछ न कुछ मात्रा में RMP अवश्य होता है जो विभिन्न tissues में भिन्न-भिन्न होता है। शरीर की कुछ cells में RMP को तीव्रता से परिवर्तित किया जा सकता है। यह cells, excitable cells कहलाती हैं। इनमें प्रमुख हैं neurons एवं muscle cells । Neurons का RMP लगभग -70 mV होता है एवं skeletal तथा cardiac muscles का लगभग -90 mV ।
Na+, K+ एवं Cl- जैसे ions, आकार में छोटे होने के कारण cell membrane में उपस्थित अपने-अपने selective channels एवं carrier proteins के माध्यम से अत्यंत सरलता से निकल जाते हैं परन्तु albumin, organic phosphates एवं sulphates जैसे anions, आकार में बड़े होने के कारण cell membrane से होकर नहीं निकल पाते। यह impermeable अथवा impermeant anions, cell membrane के interior में electronegativity का प्रमुख कारण बनते हैं।
Establishment of RMP
याद करो, किसी resting neuron का RMP लगभग -90 mv होता है। तुम जानते हो कि EC compartment में Na+ की concentration (142 mEq/L), IC compartment (14 mEq/L) की अपेक्षा लगभग 10 गुना होती है एवं IC compartment में K+ की concentration (140 mEq/L), EC compartment (4 mEq/L) की अपेक्षा लगभग 35 गुना होती है। स्वाभाविक है कि यह दोनों ions अपने concentration gradient के अनुसार move करके इस अंतर (gradient) को समाप्त करना चाहेंगें। आओ समझते हैं कि किन कारणों से यह movement बीच में ही रुक कर -90 mv पर स्थापित हो जाता है।
in vitro conditions में जब 140 mEq/L (solution A) एवं 4 mEq/L (solution B) concentrations के दो K+ solutions को एक semipermeable membrane से अलग कर के रखा गया तब यह पाया गया कि कुछ समय तक तो K+, A से B की ओर move करते हैं परन्तु दोनों ओर की concentrations बराबर होने के पूर्व ही यह movement रुक जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि A से B की ओर move करते समय K+, अपने साथ positive charge भी लेते जाते हैं जिसके कारण solution B की electropositivity भी बढ़ती जाती है। यह electropositivity आगे आने वाले positively charged K+ को repel करती है। इस स्थिति में, concentration gradient तो K+ को A से B की ओर push करते हैं जबकि electropositivity के कारण उत्पन्न हुआ potential difference इसका oppose करता है। कुछ समय में जब यह opposing forces एक दूसरे को neutralize कर लेते हैं तब यह movement रुक जाता है। इस प्रकार उत्पन्न हुआ वह electrical potential, जो concentration gradient द्वारा हो रहे ionic movement को balance कर के रोक दे, diffusion potential कहलाता है। इस सिद्धांत के प्रणेता के नाम पर इसे Nernst potential भी कहते हैं।
किसी neuron का K+ का diffusion potential, -94 mV होता है, जिसका अर्थ है कि इस स्थिति में neuron का IC compartment, EC की अपेक्षा 90 mV electronegative होगा। Na+ के सन्दर्भ में, जब यही experiment 142 mEq/L एवं 14 mEq/L के मध्य किया गया, तब पाया गया कि Na+ का diffusion potential +61 mV होता है, जिसका अर्थ है कि इस स्थिति में neuron का IC compartment, EC की अपेक्षा 61 mV electropositive होगा।
आओ अब हम इन्हीं तथ्यों के अनुसार किसी neuron में RMP की उत्पत्ति को समझने का प्रयास करते हैं। Neuronal cell membrane की leak channels के माध्यम से ही K+ neuron के बाहर जाते हैं तथा Na+ neuron के भीतर प्रवेश करते हैं। अब यह K+, neuronal potential को -94 mV पर ले जाने का प्रयास करेंगें तथा Na+, +61 mV पर। तुम जानते हो कि किसी cell membrane की K+ के लिए permeability, Na+ की अपेक्षा 100 गुना अधिक होती है। इसके अनुसार, neuronal potential भी K+ के diffusion potential, अर्थात -90 mV के अधिक पास होना चाहिए। इन दोनों तथ्यों (दोनों ions के diffusion potentials एवं K+ की 100 गुना अधिक permeability) का सम्मिलित प्रभाव neuronal potential को -86 mV तक ले जाता है।
तुम यह जान चुके हो कि Na K pump द्वारा 3 Na+ बाहर pump करने के बदले K+ अंदर pump किये जाते हैं। इस प्रकार यह pump neuron के बाहर electropositivity एवं neuron के भीतर electronegativity को बढ़ाता है। सामान्यतयः neuronal potential के निर्धारण में Na K pump का योगदान लगभग -4 mV का होता है। अब इस तीसरे तथ्य के प्रभाव को जोड़ने के बाद neuronal potential की गणना -90 mV बनती है। इस प्रकार neuron का RMP लगभग -90 mV हुआ।
Relative significance of Na and K in establishment of RMP
क्या तुम बता सकते हो कि किसी membrane का RMP निर्धारित करने में Na+ अथवा K+में से किसकी भूमिका अधिक महत्वपूर्ण होगी? तुम जानते हो कि Na+ की concentration extracellular (EC) compartment में एवं K+ की concentration intracellular (IC) compartment में अधिक रहती है। Cell membrane के दोनों ओर भिन्न-भिन्न ionic concentrations, membrane के दोनों ओर potential difference उत्पन्न कर देती हैं। अब यदि EC एवं IC compartments किसी मार्ग द्वारा परस्पर जोड़ दिये जायें, जैसे इनके specific Na+ एवं K+ channels, तब Na+ एवं K+ भी अपने-अपने concentration gradient के अनुसार move करके, membrane के दोनों ओर की concentrations बराबर कर लेने के लिये प्रयत्नशील हो जायेंगे।
अब क्योंकि resting phase में K+ channels की K+ ions के लिये permeability, Na+ channels की Na+ ions के लिये permeability से अधिक होती है, एवं open K+ channels की संख्या भी open Na+ channels की अपेक्षा अधिक होती है, अतः K+ ions, Na+ ions के पूर्व ही equilibrium potential पर पहुंच जाते हैं। इस प्रकार K+ ions के equilibrium potential (-70 mv) को ही किसी membrane के RMP को Na+ ions की अपेक्षा, अधिक प्रभावित करना चाहिए।
यहां तुम यह भी सोच सकते हो कि जब इन K+ एवं Na+ channels के माध्यम से सभी concentration gradients को equalize ही हो जाना है, एवं RMP को zero ही हो जाना है, तब K+की महत्ता Na+ से अधिक किस प्रकार हुई? वास्तव में K+ एवं Na+ का free flow अनंत काल तक तो चलता नही रह सकता। Cell की resting phase में ही Na+ K+ ATPase pump भी सक्रिय हो जाता है, जो cell membrane के across, Na+ एवं K+ ions का potential difference पुनः स्थापित देता है। अब क्योंकि Na K+ ATPase pump के सक्रिय होने के पूर्व K+ का passive movement इन open channels के माध्यम से Na+ की अपेक्षा अधिक होता है, अतः RMP के निर्धारण में K+ का योगदान Na+ की अपेक्षा अधिक होता है। इसीलिये RMP भी Na+ के equilibrium potential (+60 mv) की अपेक्षा K+ के equilibrium potential (-70 mv) के अधिक समीप होता है।
Na-K pump
जरा सोचो, Na+ एवं K+ किसी neuron में electrical activity किस प्रकार से उत्पन्न करते होंगें? बचपन में तुमने खिलौने वाली कार अवश्य चलायी होगी। याद करो, यदि इसमें एक बार चाबी भरकर spring कस दी जाये (winding) तब उसके बाद वह स्वतः ही धीरे-धीरे खुल कर (unwinding) कार को चलाती रहती है। पूरी spring खुल जाने के बाद कार रुक जाती है तथा चाबी दोबारा भरनी पड़ती है। शरीर में भी Na+ एवं K+ का cell membrane के दोनों ओर concentration gradient उत्पन्न करने के लिए इसी Na-K pump को प्रयोग में लाया जाता है जिसका प्रयोग बाद में cell की विभिन्न गतिविधियों को चलाने के लिए किया जा सके।
तुम जानते ही हो कि ECF में Na+ एवं ICF में K+ की मात्रा अधिक होती है। यदि आरम्भ में ही active transport के द्वारा, ऊर्जा के प्रयोग से, Na+ को ICF से ECF एवं K+ को ECF से ICF (against the concentration gradient) pump कर दिया जाये तब यह concentration gradient और अधिक बढ़ जायेगा। यह कार में चाबी भरने के समान हुआ, जिसमें ऊर्जा को प्रयोग में लाकर kinetic energy को potential energy में परिवर्तित कर दिया गया। शरीर में यह प्रक्रिया सतत् रुप से चलती रहती है एवं electrically active neurons जैसे nerve cells में energy expenditure का एक बड़ा भाग (60-70%) Na+ K+ के इस active transport में व्यय होता है। क्योंकि यह कार्य against the concentration gradient किया जा रहा है, इसीलिये इसे Na+K+pump कहते हैं। इस प्रक्रिया में 3 Na+ cell के बाहर ढकेल दिये जाते हैं। तथा 2 K+ cell के अंदर खींच लिये जाते हैं।
जरा सोचो, इस Na+ K+ pump के क्या-क्या परिणाम होंगे। 1) ECF में Na+ एवं ICF में K+ की मात्रा और अधिक बढ़ती जायेगी। 2) क्योंकि 3 positive ions cell के बाहर भेजे जा रहे हैं तथा केवल 2 positive ions cell के अन्दर खीचे जा रहे हैं, अतः cell membrane के दोनों ओर ionic gradient भी स्थापित हो जायेगा, जिसमें exterior of cell, electropositive होता जायेगा एवं interior of cell, electronegative |
इस प्रकार यदि हम किसी cell को resting state में भी देखें तब भी वह हमें neutralized phase में नही मिलेगी। किसी activity के बिना भी cell हमेशा charged state में मिलती है, अर्थात interior of cell, exterior of cell की अपेक्षा अधिक electronegative होता है। इसी को हम resting membrane potential (RMP) भी कहते हैं। दूसरे शब्दों में इसे cell की polarity भी कह सकते हैं। अतः electrically active cells (जैसे neuron), हमेशा rest के समय भी polarized ही रहते हैं।
इसके आगे की प्रक्रिया का अनुमान तुम स्वतः ही लगा सकते हो। प्रकृति में प्रत्येक वस्तु अपनी पूर्वावस्था में लौटने का प्रयास करती है। इसी तथ्य को यूं भी समझ सकते हैं कि यदि दो वस्तुयें different degrees of energy level पर हों, तब वह स्वतः ही equilibrium पाने का प्रयास करती है। अतः यदि Na+ concentration cell के बाहर अधिक है, तब उसका प्रयास होगा कि अवसर मिलते ही वह cell के भीतर आ जाये। इसी प्रकार, यदि K+ concentration cell के भीतर अधिक है, तब उसका प्रयास होगा कि वह cell के बाहर निकल सके। Na+ K+ pump के द्वारा जो total positive charge cell के बाहर एकत्रित हो गया है, तब वह भी cell के भीतर आने का प्रयास करता रहेगा। जिस प्रकार किसी battery को charge करके किसी electrical instrument से जोड़ दिया जाये तब switch on करते ही उस instrument में current के flow के साथ instrument कार्य करना आरम्भ कर देगा, ठीक उसी प्रकार यह ion channels एक switch की भांति कार्य करते हैं। जैसे ही कोई stimulus इन channels को खोलता है, flow of ions, एक cellular activity आरम्भ करा देते हैं।
Resting membrane potential (RMP) - कार्य के पूर्व की तैयारी
घड़ी चलते रहने के लिए आवश्यक है कि उसमें चाबी भरी हो एवं उसकी स्प्रिंग कसी हो. स्प्रिंग यदि पूरी खुल चुकी हो तब तो घड़ी चलना बंद हो जाएगी. इसी प्रकार प्रत्येक cell में, cell membrane के दोनों और यदि ions एवं electrical charges की मात्रा समान हो जाये, तब तो इस से होने वाला सारा आवागमन ही रुक जायेगा. तब वह cell जीवित कैसे रहेगी? इसलिए resting cell (या resting neuron, जिसमें होने वाली electrical activities का वर्णन हम आगे करेंगे) भी एक charged अवस्था में रहती है, जिसमें cell membrane के दोनों और ions एवं electrical charges की मात्रा भिन्न-भिन्न रहती है. यही स्थिति resting membrain potential (RMP) कहलाती है. आओ, यह किस प्रकार उत्पन्न होता है उसको विस्तार से समझते है.
तुम जानते हो कि cell membrane एक semipermeable mebrane है, जिसके द्वारा प्रत्येक cell अपने लिए आवश्यक तत्वों का अंदर लेती रहती है, तथा अनावश्यक तत्वों को बाहर निकालती रहती है. Electrically charged particles (अर्थात ions), क्योंकि fat insouble होते हैं, अतः वह cell membrane की liquid layer पार नहीं कर सकते. इन water soluble ions के लिए special channels या ion channels की आवश्यकता पड़ेगी. इन्हीं ions channels में एक अत्यंत महत्वपूर्ण channel है, Na+K+ pump, जो RMP बनाने में प्रमुख योगदान देता है. Na+K+ pump नाम से ही तुम समझ सकते हो कि इसमें ions को pump किया जा रहा है. अर्थात यह active transport है, जिसमें energy की आवश्यकता पड़ेगी. साथ ही यह ions के concentration gradient के अनुसार न होकर, उसके विपरीत दिशा में, cells की आवश्यकतानुसार हो रहा है. यह pump Na+ को cell के बाहर तथा K+ को cell के भीतर pump करता है, जिसके फलस्वरूप ECF में Na+ एवं ICF में K+ की मात्रा बढती जाती है.
यहाँ विशेष बात यह है कि यहाँ Na+ के outward pump को वरीयता दी जाती है, अर्थात यदि 3 Na+ बाहर pump किये जाते हैं तब केवल 2 K+ भीतर लिए जाते है. इस प्रकार cell के बाहर positive charges एकत्रित होते जाते है, जिससे बाहर की अपेक्षा cell के भीतर का भाग negative potential में चला जाता है. यही RMP है. किसी resting neuron का यह RMP -90mv होता है, अर्थात neuron के बाहर की अपेक्षा neuron का भीतरी भाग, 90mv अधिक electronegative होता है. Cell membrane के दोनों और यह electrical gradient उत्पन्न कर सकने के कारण ही Na+K+ pump को electrogenic pump भी कहा जा सकता है.
परन्तु इस प्रक्रिया से लाभ क्या मिला? Na+ (एवं अन्य positive charges) की मात्रा neuron के बाहर बढ़ गयी (142 meq/l), जो neuron के भीतर (14 meq/l) की अपेक्षा लगभग दस गुनी हो गयी. स्वाभाविक है कि Na+ concentration gradient को दूर करने का प्रयास करते रहेंगे एवं अवसर मिलते ही neuron में भीतर घुस आना चाहेंगे. दूसरी और K+ की मात्रा neuron के भीतर बढ़ गई (140 meq/l) जो neuron के बाहर (4 meq/l) की अपेक्षा 85 गुना अधिक है. पुनः स्वाभाविक रूप से इस concentration gradient को दूर करने के लिए K+ का प्रयास होगा कि वह अवसर मिलते ही neuron के बाहर निकल जाएं. वास्तव में Na+ एवं K+ का यह concentration gradient उत्पन्न करना ही तो इस pump का उद्देश्य था जिससे जब वह ions अपने concentration gradient के अनुसार वापस लौटने का प्रयास करें, तब इस प्रक्रिया को अपनी आवश्यकतानुसार regulate कर cellular activities को चलाया जा सके. जिस प्रकार खिलौने में चाबी भरने के बाद वह चलने को तैयार हो जाता है, वैसे ही Na+ एवं positive charges को cell से बाहर निकलकर neuron भी वास्तव में activate हो जाता है. ध्यान रहे RMP किसी cell को polarize करता है या charged अवस्था में लाता है, equilibrium में नहीं.
Depolarization – कार्यारम्भ
किसी neuron में Na+K+ pump, जब तक Na+ को बाहर एवं K+ को भीतर pump करता रहेगा, तब तक वह neuron resting phase में ही रहेगा. कार्य आरम्भ करने हेतु तो इनको पुनः अपनी पूर्वावस्था में लाना होगा न? यह स्थिति किसी railway crossing के समान हो गई जहाँ सड़क के बाईं ओर का gate बंद होने से सारा traffic gate के एक तरफ़ एकत्रित हो गया एवं दाईं ओर का gate बंद होने से railway line के दूसरी ओर. अब जैसे ही यह gate खुलेगा, traffic का rush एकाएक railway line को पार करना चाहेगा.
किसी neuron में कोई external stimulus, इन gates को खोलने का कार्य करता है. जिस प्रकार कुछ railway lines पर दोनों gates एक साथ न खोलकर एक-एक करके खोले जाते हैं, उसी प्रकार यह stimulus भी Na+ channels को पहले खोलता है. याद करो, किस प्रकार रेल की जनरल बोगी में एक दरवाज़ा थोड़ा-सा खोलते ही, बाहर भीड़ का रेला धकेलकर उसे पूरा खोल देता है तथा तुरंत ही कुछ लोग अंदर घुसकर चारों दरवाज़े खोल देते हैं. इससे यह रेला चारों ओर से एकदम बोगी में भरने लग जाता है. ठीक इसी प्रकार, कुछ Na+ channels के खुलते ही, Na+ भी neuron के भीतर प्रवेश करने लगते हैं. यह Na+, neuron के interior में पहले से ही उपस्थित negetive charge (-90mv) को positive की ओर ले जाना प्रारंभ कर देते हैं. Intraneuronal potential के -65mv के आसपास (-70 से -50mv के मध्य) पहुँचते-पहुँचते बहुत बड़ी संख्या में Na+ channels खुल जाते हैं जिससे एकाएक Na+ की बहुत बड़ी संख्या neuron में प्रवेश कर जाती है. जहाँ -90 से -65mv पहुँचने में कुछ समय लगता भी है, वहीं -65 से 0mv तक यह उससे काफ़ी कम समय में पहुँच जाता है. जिस प्रकार भीड़ का रेला अनियंत्रित हो रेल की बोगी को उसकी क्षमता से अधिक भर देता है, उसी प्रकार यह Na+ influx भी intraneuronal potential को 0mv पर ही न रोककर क्षणिक तौर पर +35mv तक भी ले जाता है. Na+ का यह massive influx ही membrane potential में बड़ा बदलाव उत्पन्न कर एक current को उत्पन्न करता है जो उस nerve cell को action में ला सके. इसीलिये इसे action potential (AP) कहते हैं.
Repolarization, after-polarization and rectification – समापन
परन्तु neuron cell तो पहले से ही Na+ से overloaded थी. Intraneuronal potential +35mv तक पहुँचते-पहुँचते इसमें Na+ की एक काफ़ी बड़ी मात्रा एकत्रित हो गई तथा अब और अधिक Na+ का इसमें समा पाना संभव नहीं होगा. ऐसे में सर्वप्रथम तो Na+ entry channels को अब बंद करना होगा जिससे Na+ influx रुके, तत्पश्चात अंदर उपस्थित K+ को exit channels (K+ channels) द्वारा बाहर निकलना होगा, जिससे intraneuronal cation overload को कम किया जा सके.
AP के अंत तक, ICF में Na+ concentration एवं positive charges की concentration, काफी अधिक बढ़ जाती है. Na+ channels के दोनों ओर बना यह नया voltage difference, Na+ channels को बंद कर देता है, जिससे Na+ influx बंद हो सके। इसी समय यह नया voltage difference, एक दूसरे voltage gated channel, यानी K+ channels को खोल देता है। K+ ion की concentration, ICF में काफी अधिक होने के कारण वह अपने concentration gradient के अनुसाऱ ICF से ECF की ओर रिसना (K+ efflux) आरंभ कर देता है। जैसे-जैसे K+ इन K+channels से बाहर निकलते हैं, intraneuronal potential +35 से 0mv होते हुए पुनः -90mv की ओर लौटने लगता है. Cell की polarity का दोबारा अपनी पूर्वावस्था में वापस लौटना, repolarization कहलाता है.
जिस प्रकार अनियंत्रित Na+ influx कुछ क्षण के लिए membrane potential को overshoot कर +35mv तक ले जाता है, उसी प्रकार K+ efflux भी कुछ क्षण के लिए undershoot कर membrane potential को -90mv से भी नीचे -100mv तक ले जाता है. यह undershoot, after-polarization कहलाता है.
K+ का यह अनियंत्रित efflux देख, neuron K+channels को बंद करने लगता है, जिससे K+ efflux रुक जाता है. अब Na+K+pump से Na+ ion एवं K+ ion की concentration, तथा membrane के दोनों ओर electrical charges, अपने resting level पहुँच जाते हैं तथा neuronal membrane potential दोबारा -90mv के पास पहुँचकर RMP के रूप में stable हो जाता है. इसे rectification कहते हैं.
Ion channels – The basis of electrical activities in an excitable tissue
उपर्युक्त वर्णन से तुम समझ ही गए होगे कि किसी neuron में (अथवा अन्य cells में भी) होने वाली समस्त electrical activities, cell membrane के दोनों ओर होने वाले ionic movements के द्वारा ही संपन्न होती है. यह ionic movement, स्वयं भी विभिन्न ion channels के द्वारा ही सम्पादित होता है. प्रत्येक ion अपने विशिष्ट ion channel द्वारा ही आवागमन करता है. यह ion channels अपने अपने ion के लिए एक gate कि भांति बर्ताव करते हैं. अर्थात् यदि यह channel (या gate) खुले होंगे तब ही वह ion इनसे होकर गुजर सकेगा, अन्यथा नहीं. आओ इसके विषय में समझते है .
तुमने देखा कि membrane potential के -65mv तक पहुँचने पर Na+ channels एकाएक बड़ी संख्या में खुलने लग जाते हैं. जैसे-जैसे यह potential 0mv होते हुए +35mv तक पहुंचता है, यह channels बंद होने लग जाते हैं. इसके विपरीत K+ channels, जो -65 mv पर बंद थे, membrane potential के 0mv के पार पहुँचने पर वे खुलने लग जाते है. इस प्रकार तुम यह भी समझ चुके होगे कि प्रत्येक ion channel (या gate) एक निश्चित membrane potential (या voltage) पर खुलता एवं बंद होता है. इसलिए यह ion channels, voltage gated channels भी कहलाती है. तुम यह कह सकते हो कि यह channels, automatic channels हैं जो किसी परिस्थिति विशेष (यहाँ voltage) में अपने आप खुल जाते हैं.
कुछ channels automatic नहीं होते, वरन इन्हें उनकी विशिष्ट चाबी से खोलना पड़ता है. इस प्रकार यह channels तब खुलते हैं, जब कोई विशिष्ट पदार्थ (ligand) उन channels के संपर्क में आता है. यह channels, ligand gated channels कहलाते हैं.
इन खुलने और बंद होने वाले channels (gates) के अतिरिक्त, cell membrane पर कुछ channels ऐसे भी होते है जो सदा खुले रहते हैं. इन open channels से होकर ions अपने concentration gradiants के अनुसार आते जाते रहते है. क्योंकि K+ का concentration gradient (35x in ICF), Na+ की अपेक्षा (10x in ECF) अधिक है, अतः इन channels से होकर मुख्यतः K+ ही बाहर निकलते है. क्योंकि Na+K+ pump के active transport द्वारा ICF में एकत्रित K+, इस प्रकार बाहर leak करते रहते हैं, इसलिए यह channels, K+ leak channels भी कहलाते हैं. इनकी उपयोगिता हम उपयुक्त स्थान पर समझेंगें.
Electrical impulses and their propagation in neurons
यूँ तो कोई external stimulus किसी भी cell में क्षणिक electrical disturbance उत्पन्न कर सकता है, परन्तु प्रत्येक cell में electrical activity इतनी पर्याप्त नहीं हो पाती कि वह AP उत्पन्न कर सके. यह क्षमता तो शरीर की excitable cells, मुख्यतः neurons एवं muscle cells, में ही होती है. अब सोचो, भला यह AP muscle cell एवं neuron में क्या करेगा? वास्तव में muscle cell का कार्य तो contract कर किसी physical activity को संपन्न करना है. इसके लिए यह AP, पूरे muscle fibre में फ़ैलकर उसके actin एवं myosin filaments को contract करवाएगा. इससे अलग neurons तो किसी electrical wire की भाँति current को एक छोर से दूसरे छोर तक ले जाने के लिये ही बने हैं. यहाँ AP को भी किसी current की भाँति move करना होगा. किसी nerve अथवा muscles fibre में depolarization front (AP) का यह transmission ही nerve या muscles impulse कहलाता है.
तुम जानते ही हो कि ion के प्रवाह को ही current कहते हैं, जो किसी neuron अथवा muscle cell में impulse कहलाती है. याद करो, AP उत्पन्न होने पर क्या हुआ था? एक बड़ी मात्रा में हुए Na+ influx के द्वारा membrane की polarity reverse हो गई थी. Neuron के भीतर एकत्रित यह Na+, अपने आसपास के क्षेत्रों में diffuse करते हैं, जिससे AP उत्पन्न होने वाले स्थान के आसपास के दूसरे स्थानों का RMP भी -90mv से positive direction की ओर बढ़ने लगता है. यदि Na+ की यह मात्रा, आसपास के क्षेत्रों के membrane potential को -65mv (threshold potential) तक पहुँचाने के लिए पर्याप्त रहती है, तब यह इन आसपास के क्षेत्रों में भी AP उत्पन्न करवा देती है. एक nerve impulse, एक स्थान से उत्पन्न होकर इसी प्रकार आगे बढ़ती रहती है. वास्तव में यह nerve impulse तो neuron में अपनी उत्पत्ति के स्थान से आगे एवं पीछे, दोनों ओर फैलेगी. अंतर मात्र इतना है कि axon से soma एवं soma से होकर dendron की ओर हो रहा antidromic conduction, neuron के किसी काम का नहीं होता एवं वह कुछ दूर चलकर नष्ट हो जाता है जबकि axon से axon terminal की ओर हो रहा orthodromic conduction ही nerve impulse को आगे बढ़ाने में सहायक होता है.
परन्तु क्या किसी AP के अपने उत्पत्ति स्थल से आसपास के सभी क्षेत्रों में Na+ के diffusion से रेंग-रेंग कर हो रहा यह impulse transmission बहुत धीमा नहीं होगा? स्वयं सोचो, कदम से कदम मिलाकर चलने की अपेक्षा यदि तुम कूद-कूद कर चलो तो तुम्हारी गति बढ़ नहीं जाएगी? प्रकृति ने कुछ neurons में impulse transmission की गति बढ़ाने के लिए कुछ ऐसी ही व्यवस्था की है जिसमें आसपास की प्रत्येक Na+ channels को प्रभावित करने के स्थान पर कुछ दूर स्थित अनेकों Na+ channels के समूह को एक साथ उत्तेजित कर दिया जाए, जो पुनः कुछ दूर स्थित अनेकों Na+ channels को खोल कर, उनसे बड़ी मात्रा में Na+ influx कराकर, अगले Na+ channels के समूह को उत्तेजित करे. इस प्रकार होता यह transmission, saltatory conduction of impulse (saltatory अर्थात उछल-उछल कर, कलाबाज़ी खाता हुआ) कहलाता है. इसके लिए neuron को पतली-पतली insulator sheaths से ढक दिया गया, जिन्हें myelin sheath कहते हैं.
ज़रा सोचो, जिन स्थानों पर यह myelin sheaths एक insulator की भाँति एक neuron को ढँक लेती है, वहाँ Na+ channels के रहने का क्या लाभ? इसीलिए, myelination के स्थान की अधिकाँश Na+ channels, उस स्थान से migrate करके, दो myelinated sheaths के मध्य के स्थान पर एकत्रित हो जाती हैं. दो myelinated sheaths के मध्य का यह gap, node of Ranvier कहलाता है, जिसमें Na+ channels प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती हैं. इस प्रकार, किसी neuron के myelination से, उसमें एक स्थान से होकर दूसरे स्थान तक रेंग-रेंग कर होने वाला यह transmission slow न होकर, एक node of Ranvier से दूसरे node of Ranvier तक कूद-कूद कर होने वाले saltatory transmission में बदल जाता है, जो impulse transmission की गति को 100 गुना तक बढ़ा सकता है.
Synpatic transmission: Changing electrical transmission into chemical transmission
ध्यान रहे, किसी neuron में हो रहे electrical transmisson का मूल कारण AP होता है जबकि किसी synapse में NT. क्योंकि synapse में secrete कराने के लिए neuron को अपने अंतिम छोर axon terminal में इस NT की आवश्यकता होगी, अतः उसे यहाँ NT को एकत्रित भी रखना होगा. तुम जानते हो कि किसी cell में उसके secretions, cytoplasmic vesicles में ही एकत्रित होते हैं. अतः synapse पर secrete कराने के लिए neuron के अंतिम छोर (axon terminal) पर यह NT, (मुख्यतः acetylcholine, ACh) cytoplasmic vesicles में एकत्रित रहता है. तुम जानते हो कि किसी vesicles से उसके contents निकालने के लिए vesicles को contract कराना होगा. साथ ही vesicles की contractive protein को contract कराने के लिए Ca++ कि आवश्यकता होगी. परन्तु Na+ कि ही भांति Ca++ भी ICF कि अपेक्षा ECF में अधिक मात्रा में पाए जाते है. अतः अगली आवश्यकता इन Ca++ को axon के बाहर ECF से axon terminal के अंदर लेने की होगी. इस प्रकार neural inputs के electrical transmission को NT के chemical transmission में परिवर्तित करने का क्रम कुछ इस प्रकार होगा –
- Neural inputs का axon terminal में पहुँचना
- Axon terminal का Na+ influx द्वारा depolarisation
- Axon terminal के membrane potential का बढ़ना
- Membrane potential के बढ़ने के axon terminal की voltage dependant Ca++ channels का खुलना
- Ca++ द्वारा vesicles की contractile proteins का contraction जिससे इसमें भरे ACh का axon terminal से synapse में निकलना
यही ACh, presynaptic axon terminal से दो neurons के बीचके स्थान, synaptic cleft में secrete होकर postsynaptic neuron तक पहुंचता है, जहाँ इस chemical transmission को दोबारा electrical transmission में परिवर्तित होना होगा. यह प्रक्रिया ठीक इसी प्रकार होगी जैसे किसी stimulus द्वारा neuron में AP उत्पन्न करने की थी. आओ इसे संक्षेप में दोहरा लेते है.
- ACh का postsynaptic membrane पर ACh receptors (ACh-R) से जुड़ना
- ACh-R द्वारा Na+ channels में कुछ conformational changes लाना जिससे वह खुल जाये
- Na+ influx द्वारा postsynaptic membrane के membrane potential का इसके RMP -65mv से बढ़ना (ध्यान रहे, अधिकांश synapse, neurons की cell body (cyton) पर बनते है जिसका RMP -65 mv होता है)
- यदि ACh इतनी पर्याप्त मात्रा में secrete हुआ है कि postsynapse membrane के RMP (-65mv) को इसके threshold potential (-45mv) तक पहुँचा दे, तब उसके द्वारा postsynaptic neuron में भी AP का उत्पन्न होना
- इस AP का अगले neuron में impulse के रूप में transmit हो जाना
Neuron
क्या तुम बता सकते हो कि किसी neuron में impulse इसके initial segment या first node of Ranvier से ही क्यों आरंभ होती है?
अब यह तो तुम समझ ही चुके हो कि AP आरंभ करने के लिये Na+ का तेजी से neuron के भीतर आना आवश्यक है। इसके लिये उस स्थान पर Na+ channels पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिये। आओ स्वयं आंकलन करो कि neuron के किस भाग में Na+ channels कितनी संख्या में मिलते हैं।
Unmyelinated neuron 110/mm 2
Myelinated neuron 25-75/mm 2
Cell bodies 50-75/mm 2
Initial segment 300-500/mm 2
Nodes of Ranvier 2000-12000/mm 2
क्योंकि Na+ channels की संख्या initial segment या first node of ranvier में ही सर्वाधिक होती है इसीलिये किसी neuron में impulse इसके initial segment या first node of ranvier से ही आरंभ होगी।
Keywords – Na+ channels in neurons, myelinated neuron, unmyelinated neuron
Further reading – Ganong P-93
जरा सोचो, neurons में axoplasm के retrograde transport की कोई clinical significnce भी है क्या?
तुम यह तो जानते ही होंगे कि polio virus spinal cord की anterior horn cells (motor neurons की cell bodies) को infect करता है। जरा सोचो, यह इन
cell bodies (cytons) तक पहुंचता किस प्रकार से है? वास्तव में nasopharyngeal colonisation के बाद यह virus blood के द्वारा पूरे शरीर में फैल कर neurons एवं synapses तक पहुंचता है। यहां से वह endocytosis द्वारा axoplasm में पहुंचता है जहां से axoplasmic retrograde transport इसे neuronal cell body में पहुंचा देता है। इस प्रकार axoplasmic flow किसी infection को neuron के एक स्थान से दूसरे स्थान तक फैला सकता
है एवं retrograde transport, synapse से cyton तक। इसके अतिरिक्त इसी axoplasmic flow के माध्यम से nerve growth factors एवं medicines भी axon terminal से neuronal cell bodies तक पहुंच सकते हैं।
जरा सोचो, इस axoplasmic flow का प्रयोग हम experimental neurology में किस प्रकार कर सकते हैं?
यदि हम spinal cord की anterior horn cells का ही उदाहरण लें जहां हम यह जानते हैं कि यह cells lower motor neurons को उत्तेजित करती है, परन्तु यह नहीं जानते कि जो neurons brain से इन anterior horn cells के चारों ओर पहुंच रहे हैं (upper motor neurons), वह कहां से आ रहे हैं। यह जानने के लिये कि anterior horn cells का control brain के किन centres द्वारा हो रहा है, हम इस retrograde axonal transport के concept को प्रयोग में लाते हैं। ऐसे में एक dye anterior horn cell के चारों ओर inject कर दी जाती है। यह dye endocytosis के द्वारा axon terminal में पहुंच कर retrograde transport द्वारा इस neuron के cyton तक पहुंच जायेगी। इस प्रकार यह ज्ञात किया जा सकेगा कि इस कलम का प्रभाव brain में जहां-जहां दिख रहा है, वहां-वहां के centres anterior horn cells के control में योगदान दे रहे होंगे।
तुम जानते हो कि neuron एक excitable tissue है। जरा बताना तो सही कि किस प्रकार के stimuli इसे excite कर सकते हैं?
यदि हम external sensory stimuli के विषय में सोचें तो स्वाभाविक तौर पर सर्वप्रथम इसे mechanical stimuli ही ध्यान आयेंगे। Touch, pressure, vibration अथवा pain (pinch, cut, brun या deep pressure) इत्यादि sensations mechanical stimulus ही द्वारा उत्पन्न होता है। इसके अतिरिक्त electrical एवं chemical stimuli भी neuron को excite कर सकते हैं।
परन्तु यदि तुम्हें pen से कुछ लिखना हो तब तुम्हें hand neuron के neuron को किस प्रकार stimulate किया जायेगा?
स्वाभाविक ही है कि brain द्वारा किसी motor neuron को excite कराना हो तब वहां यह sensory stimulus कार्य नही करेंगे। वास्तव में brain एवं spinal cord neurons को chemical neurotransmitters (NT) के द्वारा stimulate करते हैं।
क्या यह chemical excitation केवल motor activities में ही प्रयोग में आता है?
जरा सोचो, किस परिस्थिति में chemical substances sensory neurons को stimulate करते हैं? वास्तव में शरीर में अधिकांश neural control activities NT द्वारा ही संचालित होती हैं। यह motor, autonomic अथवा sensory कोई भी हो सकती है। जरा ध्यान करो, angina pectoris में myocardial pain fibres किस प्रकार stimulate होते होंगे? वास्तव में coronary circulation में obstruction से होने वाली ischemia के फलस्वरुप myocardium में anaerobic glucolysis के अनेकों metabolites एकत्रित होते जाते हैं। यह metabolites ही myocardial pain fibres को stimulate कर angina उत्पन्न करते हैं किसी भी प्रकार से tissue damage होने पर tissue break down products ही वहां pain का प्रमुख कारण बनते हैं।
क्या external sensory stimuli किसी sensory neuron को सीधे stimulate कर देते हैं?
वास्तव में neurons में excitation उत्पन्न करने तथा इसे आगे conduct करने का एक निश्चित नियम होता है। Neurons एक तय सीमा से अधिक की intensity के stimulus द्वारा उत्पन्न impulse को ही transmit करते हैं। उससे कम intensity के stimulus की impulse को नहीं। इसे all or none phenomenon कहते हैं। इसका अर्थ है कि यदि किसी stimulus की strength neuron के threshold level से अधिक हैए तब तो उससे उत्पन्न impulse पूरी. पूरी neuron द्वारा transmit हो जायेगी एवं यदि यह strength neuron के threshold level से कम है तब बिल्कुल नहीं। इस प्रकार यदि neuron सीधे ही किसी sensory stimulus को receive करते तब उस स्थिति में अनेकों subthreshold stimuli तो शरीर महसूस ही नहीं कर पाता। इसीलिये शरीर में sensory stimuli को receive करने के लिये विशिष्ट प्रकार के sensory receptors होते हैं। Sensory stimulus कितनी भी कम अथवा अधिक intensity का क्यों न हो, वह इन receptors में कुछ न कुछ electrical aberration जिसे potential कहते हैं अवशय उत्पन्न करता है। इस प्रकार के अनेक receptors किसी neuron के सम्पर्क में रहते हैं। किसी sensory stimulus की intensity काफी कम रहने पर भी इन receptors में जो कुछ अलग अलग potential उत्पन्न होता है वह सभी सम्मिलित हो कर इन receptors से सम्बन्ध neuron को stimulate कराने में सफल हो सकता है, जिससे इस sensation को brain तक पहुंचा कर उसे महसूस किया जा सके।
किसी sensory receptor में उत्पन्न होने वाले इस potential को receptor potential कहते हैं। इस receptor potential का magnitude उसे stimulus की strength के porportional होता है। अतः जितना strong stimulus होगा उतना strong receptor potential उत्पन्न होगा एवं weak stimulus द्वारा उत्पन्न receptor potential weak।
जरा सोचो, यदि किसी neuron को या तो कोई impulse पूरी तरह से transmit करती है या फिर बिल्कुल नही। ऐसी स्थिति में receptr potential के weak अथवा strong होने से क्या अंतर पड़ेगा?
वास्तव में यह सत्य है कि किसी neuron से सम्बद्ध सभी receptors का सम्मिलित generator potential जब neuron को threshold से अधिक होगा तब ही वह neuron को excite कर उसमें impulse उत्पन्न कर उसे transmit करवायेगा। परन्तु यदि इस सम्मिलित generator potential की strength neuron के threshold potential से अधिक बढ़ती जायेगा तब उस threshold level तक का generator potential एक impulse उत्पन्न करवा देगा तथा उसके बाद भी बचा हुआ extra generator potential एक दूसरी impulse उसी neuron में उत्पन्न करा देगा। और अधिक strength का stimulus और अधिक generator
potential उत्पन्न करके और अधिक संख्या में impulses उस neuron में उत्पन्न कराता रहेगा।
इस प्रकार किसी sensory stimulus की strength बढ़ने पर उसके द्वारा उत्पन्न receptor potential का तो ‘magnitude’ strength के proportion में
बढ़ता है परन्तु अधिक magnitude का receptor potential neuron में impulses (या action potential - AP) की ‘frequency’ उसी proportion में बढ़ाता जाता है।
इसके अतिरिक्त किसी nerve trhunk में सभी neurons एक ही threshold level पर नही होते, जो neurons lower threshold level पर होते हैं, वह receptors द्वारा उत्पन्न generator potential से पहले excite हो जाते हैं। जैसे जैसे receptor द्वारा उत्पन्न generator potential बढ़ता है वैसे वैसे higher threshold level वाले neurons भी excite होने लगते हैं। इस प्रकार sensory stimulus की stregnth बढ़ने पर जैसे जैसे receptors का generator potential बढ़ता है वैसे वैसे सम्बन्धित nerve trunk के उत्तेजित होने वाले neurons की संख्या भी बढ़ती जाती है। जिस stimulus पर nerve trunk के सभी neurons उत्तेजित हो चुके हों उसे maximal stimulus कहते हैं क्योंकि इसके बाद supramaximal stimulus से और अधिक neuronal potential प्राप्त कर पाना संभव नही होगा।
Rising strength of sensory stimulus increases ‘magnitude’ of generator potential which increases ‘frequency’ of AP in a sensory neuron.
Key words – generator potential, action potential
Further reading – Ganong pg 94, 229
जरा सोचो, यदि RMP Na+ की अपेक्षा K+ पर अधिक निर्भर करता है, तब क्या शरीर मे K+ की कमी अथवा अधिकता RMP को भी परिवर्तित कर सकेगी? इसके क्या प्रभाव होंगे?
आओ पहले K+ बढ़ने की स्थिति की विवेचना करते हैं। Blood में K+ बढ़ने (hyper kalemia) पर EC fluid में भी K+ concentration बढ़ जायेगा। ऐसे में rest के समय open K+ channels के माध्यम से थोड़े K+ efflux के बाद ही K+ membrane के दोनों ओर K+ बराबर हो जायेगा अर्थात K + का equilibrium potential achieve हो जायेगा। ऐसे में IC K+ concentration भी अधिक बची रह जायेगी। क्योंकि K + positively charged हैं अतः वह IC negatively को भी कम करेंगे एवं RMP more negative से less negative हो जायेगा। इस प्रकार hyper kalemia में RMP less negative हो कर threshold potential के अधिक समीप आ जायेगा। ऐसी स्थिति में इसे सरलता से excite किया जा सकेगा।
इसके विपरीत, blood में K+ कम (hypokalemia) होने पर EC fluid में भी K+ concentration कम हो जायेगी एवं अधिक K+ के efflux के द्वारा ही K + का equilibrium potential adverse हो पायेगा। इससे IC fluid में K+ (अथवा positive charges) और कम हो जायेंगे, जिससे IC fluid की electronegativity और अधिक बढ़ जायेगी। यह membrane की hyper polarize कर देगा जिससे इसको threshold potential तक पहुंचाना और अधिक कठित हो जायेगा अर्थात cell की excitability कम हो जायेगी।
Hyperkalemia – EC K+ concentration – equilibrium potential K+ is achieved early – IC K+ concentration – IC positive ion concentration – IC negativity – RMp becomes less electronegative and hence easily excitable.
Hypokalemia – RMP becomes more electronegative (hyper polarized) and hence less excitable.
Key words – RMP, K+ Channels, Na+ Channels, Excitability, Hyperkalemia, Hypokalemia
Further reading – Ganong P-91
K + की भांति क्या Na + concentration बढ़ने अथवा घटने पर भी RMP एवं membrane excitability पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
ध्यान रहे, K + के विपरीत rest के समय Na + channels बंद ही रहती हैं। यह तो किसी stimulus के प्रभाव से ही खुलती है जिससे Na + influx आरंभ होता है। यदि Na + inclux द्वारा membrane potential threshold potential तक पहुंच पाता है तब positive feedback के माध्यम से voltage gated Na + channels बड़ी संख्या में खुलकर AP उत्पन्न करती है (यही वह समय है जब membrane Na + के equilibrium potential (+60 mv) तब बढ़ने लग जाती है।)
Voltage gated Na + एवं K + channels के खुलने के भी एक निश्चित क्रम होता है। Na + channels बड़ी से खुलती हैं, जिससे membrane voltage (या potential) बड़ी तीव्रता से बढ़ता जाता है। Membrane potential (या voltage) के -70 mv से +30 mv तक पहुंचने के साथ ही यह तीव्रता से बंद भी होने लग जाती हैं, जो AP के upstroke को रोक देता है। यह बदला हुआ membrane potential अब voltage gated K + channels को खोलता है। Na + channels के विपरीत K + channels के खुलने की प्रक्रिया धीमी होती है तथा यह लंबे समय तक जारी रहती है। Na + influx द्वारा उत्पन्न membrane potential depolarçation को यह दोबारा repolarize कर देती है।
इस प्रकार तुमने देखा कि voltage gated Na + channels depolarization के समय ही कुछ क्षण के लिये ही खुलती है तथा rest के समय बंद ही रहता है। इस प्रकार RMP के निर्धारण में Na + का प्रभाव नगण्य रहता है और क्योंकि RMP अपरिवर्तित रहती है इसीलिये Na + concentration घटने या बढ़ने से membrane excitability भी अपरिवर्तित ही रहती है।
यहां तुम यह पूछ सकते हो कि क्या Na + concentration AP की पूरी प्रक्रिया पर कोई भी प्रभाव नही डालती? ध्यान दो EC Na+ concentration का प्रभाव तभी पड़ेगा जब Na + का movement हो रहा हो। अतः यह प्रभाव rest के समय न होकर केवल depolarization एवं AP के समय पर ही होगा। Na + कम (Hyponatremia) होने पर Na + inclux कम हो सकेगा, जिससे AP के height कम रह जायेगी, परन्तु इसको कोई व्यवहारिक प्रभाव नही दिखेगा।
Hyponatremia or hypernatremia have no effect on Na+ but hyponatremia can reduce the height of APA
Key words – RMP, excitability, Na+ channels, K+ channels, Hyponatremia
Further reading – Ganong – P 90-91
क्या तुम बता सकते हो कि किसी membrane का RMP निर्धारित करने में Na + अथवा K + से किसकी भूमिका अधिक महत्वपूर्ण होगा?
तुम जानते हो कि cell membrane lipid bilayer की बनी होती है, जिसमें से होकर Na + अथवा K + का आवागमन संभव नही। इस कारण से cell membrane intra cellular (IC) एवं extra cellular (EC) compartments में एक bamer की भांति कार्य करता है। इस प्रकार यदि membrane के दोनो ओर ion concentrations भिन्न भिन्न हैं तब वह membrane के दोनो ओर एक potential dffierence उत्पन्न कर देगी।
तुम यह भी जानते हो कि यदि दो पदार्थों की concentration दो compartments में भिन्न भिन्न हो एवं वह दोनों compartments किसी मार्ग द्वारा परस्पर जोड़ दिये जायें तब उन पदार्थों की एक स्वाभाविक प्रकृति होगी कि वह higher concentration से higher concentration की ओर move करेंगे। इस प्रकार यदि EC एवं IC compartments भी किसी मार्ग द्वारा परस्पर जोड़ दिये जायें जैसे इनके specific Na + एवं K + channels तब Na+ एवं K + ions भी अपने concentrations difference के अनुसार move करके membrane के दोनों ओर concentrations बराबर कर लेने के लिये प्रयत्नशील हो जायेंगे। अब क्योंकि किसी routine place में K + channels की K + ions के लिये permeability Na + channels की Na + ions के लिये permeability से अधिक होती है एवं open K + channels की संख्या भी open Na + channels की अपेक्षा अधिक होती है। अतः K + ions Na + ions के पूर्व ही एक equilibrim potential पर पहुंच जाते हैं। क्योंकि K + ions का equilibrium potential -70 mv होता है, अतः यह ही किसी membrane के RMP को Na + ions की अपेक्षा अधिक प्रभावित करता है।
यहां तुम यह भी सोच सकते हो कि इन K + एवं Na + channels के माध्यम से अब ये सभी concentrations dffierence equalize ही हो जाना है। ऐसे में RMP तो zero ही हो जाना चाहिये एवं तब K + ions की महत्ता Na+ ions से अधिक किस प्रकार हुई? वास्तव में K + एवं Na + ions का free flow अनन्त काल तक तो चलता नही रहता। Cell की resting phase में ही Na + K + ATPase pump भी सक्रिय हो जाता है, जो Na + K + ions का membrane के across potential dffierence पुनः स्थापित कर देता है। अब क्योंकि Na + K + ATPase pump के सक्रिय होने के पूर्व K + ions का passive movement इन open channels के माध्यम से Na + की अपेक्षा अधिक होता है, अतः K + RMP के निर्धारण में K + का योगदान Na+ की अपेक्षा अधिक होता है। इसीलिये RMP भी Na + के equilibrium potential (+60 mv) की अपेक्षा K + के equilibrium potential (-70 mv) के अधिक समीप होता है।
RMP is established by Na+ K+ ATPase pump
Cell membrane is more permeable for K+ ions then Na+ ions
At rest number of open K+ channels are more than open Na+ channels
Therefore equilibrium potential K+ is established earlier than that for Na+
RMP is therefore closure to K+ (-70 mv) than that for Na+ (+60 mv)
Key words – RMP, equilibrium potential, K+, Na+
Further reading- Gangong P-90
Lateral and surround inhibition
Feed forward inhibition
Negative feedback, lateral and surround inhibition
All in file synapses in hard disc
Presynaptic inhibition and facilitation – pending
Chemical vs electrical synapses
Summary of electrical activities at ……
Mechanism of synaptic transmission
Properties of synapses
Unidirectional propogation of impulse
Synpatic delay
Synaptic fatigue
Summation of impulses
Inhibitory or excitatory impulses in synapse
Modulation of speed of transmission of impulses
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