- by Dr. Pankaj Kumar Agarwal
- in Computer vision syndrome: इसकी पहचान, बचाव एवं उपच
- at 02 Feb, 2019
Computer vision syndrome इसकी पहचान, बचाव एवं उपच

आज के दौर में computer एवं mobile हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं, या यूं कहिये कि जीवन के अभिन्न अंग हैं। Computer ने हमारी जिंदगी को आसान तो बनाया है परन्तु साथ ही सीमा से अधिक इसके प्रयोग ने हमारी आँखों के लिए परेशानियां भी पैदा कर दी हैं। आँखों का लाल हो जाना, दर्द, जलन, पानी आना; सर में तनाव, खिंचाव एवं दर्द तथा थकान, चिड़चिड़ाहट एवं एकाग्रता की कमी इसके प्रमुख लक्षण हो सकते हैं।वास्तव में इन सभी परेशानियों के लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं क्योंकि यह इन आवश्यक उपकरणों के गलत इस्तेमाल से ही उत्पन्न होती हैं। आँखों की इन सभी परेशानियों को सामूहिक रूप से E-pain (E = electronic उपकरणों से उत्पन्न) अथवा computer vision syndrome कहते हैं।
यह समझने के लिए कि आखिर
यह लक्षण उत्पन्न क्यों होते हैं, कुछ तथ्यों को समझना अतिआवश्यक है।
1. : ध्यान रहे, computer monitor की screen से ऐसी कोई किरणें नहीं निकलतीं जो आँखों को नुकसान पहुंचाती हों। वास्तव में, उपरोक्त सभी लक्षणों का मुख्य कारण हमारा किसी भी दृश्य को गौर से, काफी देर तक, बिना पलक झपकाए देखना ही होता है। सामान्यतः एक व्यक्ति 1 मिनट में 10 बार पलक झपकाता है और दो बार पलक झपकने के बीच का समयांतराल लगभग 2-10 सेकंड्स का होता है। लेकिन computer पर किसी कार्य को एकाग्र होकर करते समय हम पलक झपकाना भूल जाते हैं या यूं कहें कि इसमें स्वतः ही कमी आ जाती है।
2. जब हम किसी वस्तु को अधिक समीप से देखते हैं तब हमारी दोनों आंखें एक दूसरे के पास पास आ जाती हैं जिसे convergence of eyes कहते हैं। यह convergence आँखों की muscles के contraction के कारण से होता है। अत्यधिक समय तक समीप में रखी computer screen पर देखते-देखते हमारी आँखें लगातार convergence में ही रहते हैं जिससे muscles में तनाव उत्पन्न हो जाता है जो आँखों के चारों ओर खिंचाव, भारीपन एवं दर्द के रूप में महसूस होता है।
3. अधिकतर computer पर काम करने वाले स्थानों पर air conditioner अथवा पंखें लगे होते हैं जिनकी तेज हवा आँखों पर लगती रहती है। इससे आँखों के आंसू जल्दी सूख जाते हैं जिससे आँखें खुश्क हो जाती हैं। यह भी आँखों के चारों ओर तनाव को बढ़ाता है।
अब प्रश्न यह उठता है कि इन लक्षणों से निजात किस प्रकार पाई जाये अथवा इस समस्या का निदानक्या हो सकता है?
वास्तव में इन लक्षणों को किसी दवा के द्वारा रोका नहीं जा सकता। इनसे बचने के लिए तो हमें computer पर कार्य करते समय कुछ सावधानियों का ही पालन करना होगा। इनको हम सम्मिलित रूप से proper visual hygine कहते हैं। आइये समझते हैं कि ये क्या-क्या हैं।
1. Computer screen आँखों से कम से कम 2-3 feet की दूरी पर होनी चाहिए।
2. आँखों को लगातार screen पर जमाये नहीं रखना चाहिए। प्रत्येक 5-10 मिनट के अंतराल पर आँखों को screen से हटा कर इधर-उधर देखते रहना चाहिये।
3. कार्य करते समय लगातार यह ध्यान रखें कि आपकी पलकें नियमित रूप से झपक रही हैं कि नहीं। प्रयत्नपूर्वक इन्हें बीच-बीच में झपकाते रहें।
4. प्रत्येक आधे घंटे computer पर कार्य करने के बाद आँखों को विश्राम दें तथा आँखों को अपनी हथेली से 1-2 मिनटों तक दबा कर बंद रखें।
5. प्रत्येक 1-2 घंटों के बाद 5 मिनट का अवकाश लें तथा कमरे के बाहर टहल कर आएं।
6. दिन में 3-4 बार lubricant drops का प्रयोग आँखों को सूखने से बचाता है जो आँखों में जलन, पानी आना, लाली आना एवं दर्द से बचाने में मददगार हो सकता है। निश्चिन्त रहें, lubricant drops को लम्बे समय तक भी प्रयोग में लाया जा सकता है एवं इसका कोई side effect नहीं है।
7. कई लोग यह सोचते हैं कि इनमें से अनेकों परेशानियों से बिना नंबर का anti-glare coating वाला चश्मा लगा कर बचा जा सकता है। मेरे विचार से इससे कोई लाभ नहीं होता एवं इससे बचा जाना चाहिए।
8. Convergence exercises – न केवल computer या mobile को अधिक प्रयोग में लाने वाले लोगों के लिए बल्कि आफिस में काम करने वालों या students के लिए भी यह exercises अत्यंत उपयोगी होती हैं क्योंकि ये सभी व्यक्ति समीप में देखते रहने का कार्य करने के कारण आंखों की muscles को लगातार तनाव में रखते हैं। Convergence exercises से आँखों की muscles का व्यायाम होता है जिससे तनाव एवं खिंचाव से आराम मिलता है।
Convergence exercise की विधि
1. कुर्सी पर सीधे बैठें एवं दूर रखी किसी वस्तु पर अपनी दृष्टि केंद्रित करें। इसके लिए 6-8 feet पर किसी दीवार पर आँखों की सीध में पेन्सिल से एक गोला भी बनाया जा सकता है।
2. अब एक हाथ में पेन्सिल को पकड़ें तथा उस हाथ को आँखों की सीध में पूरा फैलाकर पेन्सिल की नोक पर दृष्टि केंद्रित करें।
3. अब धीरे-धीरे पेन्सिल को आँखों के समीप लाएं। पेन्सिल के आँखों के समीप आते जाने पर आँखों में तनाव उत्पन्न होगा तथा पेंसिल धुंधली दिखने लगेगी। और अधिक समीप लाने पर तो एक के स्थान पर दो-दो पेन्सिल दिखाई पड़ने लगेंगीं। पेन्सिल के धुंधली दिखने पर ही इसको आँखों से दोबारा दूर ले जाएँ तथा दृष्टि को दूर रखी वस्तु या दीवार पर बने चिह्न पर दोबारा केंद्रित करें।
प्रारम्भ में यह क्रिया दिन में 10 बार या 5-10 मिनटों तक करें। एक सप्ताह बाद, सुबह शाम दो बार, 2 माह तक करते रहें।
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