NMJ

Anatomy of NMJ
Scanning electron microscopy द्वारा NMJ की anatomy को भली भांति देखा एवं जाना जा चुका है। आओ इसको विस्तार से समझते हैं।
Neuron
एक anterior horn cell (motor neuron) अनेकों muscle fibres को supply करता है, जिन्हें सम्मिलित रुप से motor unit कहते हैं।
इसके लिये वह motor neurons muscle belly में प्रवेश करने के बाद अनेकों branches में बंट जाता है। प्रत्येक branch एक muscle fibres को supply करती है।
एक neuron की एक branch व muscle fibres के मध्य बने joint को neuromuscular junction (NMJ) कहते हैं।
Motor neuron की myelin sheath इसकी branching के पूर्व ही समाप्त हो जाती है। इस प्रकार इसकी प्रत्येक branch unmyelinated ही रहती
है।
प्रत्येक branch अपने अंतिम सिरे पर फूल कर terminal button बनाती है। इसमें NMJ में secrete होने वाला acetylcholine (Ach) vesicles के अंदर stored रहता है। क्योंकि Ach का निर्माण terminal button में ही होता है, अतः इसके निर्माण एवं secretion में प्रयोग आने वाली ऊर्जा को देने के लिये अनेकों mitochondria भी terminal button में होते हैं।
Muscle fibres
Muscle fibre के जिस स्थान पर motor neuron का terminal button पहुंचता है, muscle fibre में वहां की membrane (sarcolemma) terminal button को accomodate करने के लिये innaginate होकर एक गड्डेनुमा synaptic gutter या synaptic trough बनाती है।
Synaptic trough की sarcolemma अन्य स्थानों से अधिक मोटी होती है। इसको motor end plate कहते हैं।
Motor end plate का surface area बढ़ाने के लिये इसमें अनेकों विसके उत्पन्न हो जाते हैं। इन्हें junctional folds या subneunal fold folds कहते हैं।
Terminal button एवं motor end plate परस्पर मिले हुए नही होते। इनके मध्य 20-30 nm की space होती है, जिसे synaptic cleft कहते हैं।
जिस प्रकार Schwann cells किसी neuron के चारो ओर myelin sheath बनाती है, उसी प्रकार एक Schwann cell NMJ को भी चारों ओर से घेर कर उसे surroundings से पृथक रखती हैं।
Keywords – neuromuscular junction
Further reading – Gyton P-89 Ganong P-130
NMJ में neurotransmission एक terminal button में लगभग 300000 Ach synaptic vesicles होते हैं।
एक synaptic vesicle में लगभग 10000 Ach molecules रहते हैं।
एक nerve impulse लगभग 60-125 synaptic vesicles का Ach content synaptic cleft में release कराती है।
इस प्रकार एक terminal button में उतना Ach stored रहता है, जिससे एक के बाद एक करके 2000-3000 impulses (300000»125) उत्पन्न की जा
सकती है।
क्या तुम बता सकते हो कि NMJ पर उत्पन्न होने वाला प्रत्येक endlplate potential muscle contraction उत्पन्न करा सकता है अथवा नहीं?
सामान्यतः एक nerve impulse किसी NMJ में इतना Ach secrete करवा देती है, जिससे threshold potential तक पहुंचा सकने से 10 गुना अधिक Ach Nm receptors उत्तेजित हो जाते हैं (safety Factor=10 fold) । इस प्रकार अत्याधिक मात्रा में उत्तेजित हुए यह Ach NM receptors द्वारा endplate potential भी आवश्यकता से 3 गुना तक अधिक उत्पन्न होता है। इस प्रकार सामान्य परिस्थितियों में प्रत्येक nerve impulse द्वारा NMJ में उत्पन्न endplate potential एक AP उत्पन्न कर muscle contraction करवा सकता है।
यहां एक ध्यान देने योग्य विशेष बात यह भी है कि nerve impulse द्वारा जो Ach synaptic cleft में secrete होता है उसके अतिरिक्त भी बहुत थोड़ी मात्रा में Ach, बीच बीच में बिना किसी impulse के भी secrete होता रहता है। इसे quantal (packet) release of Ach कहते हैं। क्योंकि Ach का यह quanta amount में बहुत थोड़ा होता है, अतः यह motor endplate पर potential भी बहुत थोड़ी मात्रा में ही उत्पन्न करवा पाता है। इस प्रकार के potential को miniature endplate potential कहते हैं। ध्यान रहे, इससे muscle cell में कोई AP उत्पन्न नही होता एवं यह muscle contraction में भी कोई योगदान नही देता।
Keywords – Safety factor at NMJ, miniature endplate potential
Further reading- Gyton P-83, Ganong P-131
जरा सोचो यदि NMJ के neurotransmission में 10 गुना तक safety factor रहता है तब क्या किसी प्रकार से यह transmission कम
भी हो सकता है?
ध्यान रहे, अवश्य ही CNS में synapses के over stimulation से उनमें fatigue के उत्पन्न होने की अपेक्षा NMJ में fatigue के उत्पन्न होने की संभावना बहुत कम होती है, परन्तु muscular activities के अत्याधिक बढ़ जाने पर (जैसे epilepsy में) NMJ में भी fatigue देने को मिल सकती है। इसके अतिरिक्त यदि Ach receptors किसी प्रकार block हो जाये (जैसे curare polsoning में) या Ach के स्वयं का metabolism (या destruction) बढ़ जाये (जैसे myasthemia gravis में) तब भी NMJ में neurotransmission घट जाता है।
क्या तुम बता सकते हो कि muscle contraction के उपरान्त NMJ में secrete हुए Ach का क्या होता है?
ध्यान रहे, Ach जितने समय तक NMJ में उपलब्ध रहेगा, वह Ach receptors को stimulate कर muscle में endplate potential से AP उत्पन्न करवाता रहेगा। इनको रोकने के लिये NMJ में ही इसके कार्य के उपरान्त metabolize करा कर समाप्त कर देने की व्यवस्था भी वहीं बनती रहती है। Ach की थोड़ी मात्रा तो synaptic cleft से बाहर diffuse कर जाती है जो Ach receptors को stimulate करने के लिये उपलब्ध नहीं रहती। Ach की अधिकांश मात्रा 5 से 10 m/sec के अंदर ही subneural folds में उपस्थित acetylcholinesterase enzyme के द्वारा acetate एवं choline में परिवर्तित कर दी जाती है। यह choline axon terminal में reabsorb कर लिया जाता है, जहां यह Ach के पुर्ननिर्माण में प्रयुक्त हो जाता है।
जरा सोचो क्या NMJ में impulse transmission किसी प्रकार से प्रभावित हो सकता है व यह किस प्रकार के लक्षण उत्पन्न
करेगा?
वास्तव में NMJ में impulse transmission चार प्रकार से प्रभावित हो सकती हैः
a) Axon terminal द्वारा Ach की release कम हो जाने से - जैसे bolulinum toxin के द्वारा
b) Acetylcholinesterase enzyme के inhibition से NMJ में Ach का स्तर बढ़ जाने से
c) Ach receptors के block हो जाने से - जैसे curareform drugs द्वारा
d) Ach receptors के prolonged stimulation से - जैसे methacholine,
Carbachol एवं nicotine द्वारा जो Ach के स्थान पर स्वयं Ach से जुड़ जाते हैं (क्योंकि यह acetyl cholinerase enzyme द्वारा metabolise नही होते, अतः यह आरंभ में तो muscle को stimulate करते हैं, परन्तु कुछ समय बाद muscle overuse से fatigue में जाकर paralyse हो जाती हैं)।
जरा सोचो, muscle cell एवं neuron दोनों ही exciatble tissues हैं, जिनमें excitation के द्वारा AP उत्पन्न किया जा सकता है। क्या तुम बता सकते हो कि इन दो tissues में उत्पन्न AP में क्या समानतायें अथवा असमानतायें हो सकती हैं?
वास्तव में यहां आवश्यकता दोनों tissues के वास्तविक कार्यों को समझने की है। एक neuron का कार्य है nerve impulse का conduction जबकि muscle cell का कार्य है उसका contraction। दोनों ही tissues में RMP लगभग समान होता है, neuron में -90 mv एवम् muscle में -80 से -90 mv। परन्तु neuron में impulse conduction velocity अत्यधिक (70-120 m/sec) होने के कारण इसमें उत्पन्न हुआ AP शीघ्र ही neuron के एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुंच जायेगा। अतः neuron में एक brief AP (0.2-0.3 msec) से ही कार्य सिद्ध हो जायेगा। इसके विपरीत muscle cell में AP की conduction velocity बहुत कम (3-5 m/sec) होने के कारण इसमें एक लंबा AP (neuron की अपेक्षा 5 गुना लंबा) 1.5 msec उत्पन्न करना होगा जो धीरे-धीरे पूरी muscle में फैल कर उसे contract करवा सके।
Keywords – Muscle action potential, nerve action potential,
Further reading – Gyton P-85
क्या तुम किसी ऐसी स्थिति के विषय में जानते हो जिसमें NMJ में structural changes देखने को मिलते हैं?
Myasthenia gravis (MG) एक serious antoimmune disorder है, जिसमें Ach receptors (AchR) के against antibodies (Ab) बनने लगती हैं जो AchR को नष्ट करती जाती है। जरा ध्यान करो कि NMJ में AchR कहां होते हैं? वास्तव में इन AchR की सर्वाधिक संख्या junctional या subneural folds के मुहाने पर होती है। Receptors के loss के साथ ही subneural folds के ऊपरी भाग भी नष्ट होते जाते हैं। इससे यह subneural folds shallow होते जाते हैं तथा synaptic cleft अधिक wide। इस प्रकार MG एक functional disorder मात्र ही नही है वरन् इसमें NMJ में structural changes भी मिलते हैं।
Key words – Myasthenia gravis, neuromuscular junction, acetylcholine
receptor
Further reading – Gyton P-84, Ganong P-132
Structural changes in NMJ in MG
1) Number of AchR are reduced by 70-90%
2) Loss of subneural folds
3) Increase in synaptic space
MG में NMJ transmission में व्यवधान किस प्रकार उत्पन्न होता है?
MG का मूल कारण है AchR के प्रति Ab का निर्माण। यह Ab निम्न प्रकार से non transmission में बाधा डालती हैं।
1) Ab स्वयं AchR से bind कर जाती हैं जिससे Ach AchR से bind नहीं कर पाता। आरंभ में तो यह AchR – Ab complex binding muscle में AP उत्पन्न कर contraction उत्पन्न कराता है। क्योंकि Ach की भांति इस Ab का कोई degradation नही होता, अतः यह AchR को लगातार एवं लंबे समय तक उत्तेजित करता रहता है, जब तक NMJ में fatigue उत्पन्न नही हो जाये।
2) Ab, AchR से जुड़कर इसका degradation भी बढ़ा देती है।
3) इसके अतिरिक्त Ab, AchR का complement mediated destruction भी कराती है।
इस प्रकार MG में 70 ''90% तक AchR नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में nerve impulse द्वारा उत्पन्न Ach थोड़ी ही मात्रा में AchR से bind कर पाते हैं, जिससे potential का amplitude कम हो जाता है। जब लगातार हो रहे nervous stimulation से Ach release की मात्रा भी घटने लगती है तब endplate potential और भी घट जाता है, जिसके फलस्वरुप muscle contraction की power घटने लग जाती है।
क्या तुम बता सकते हो कि MG में किन्हीं विशिष्ट muscles में दूसरों की अपेक्षा NM transmission अधिक प्रभावित होता है?
वास्तव में MG में किसी muscular activity के आरंभ में तो NM transmission सहजता से हो जाता है, परन्तु यदि muscular activity लंबे समय तक चलायी जाती रहे अथवा उसमें अधिक बल प्रयोग हो रहा हो तब कुछ ही देर में यह कम होता जाता है।। जरा ध्यान दो, lids की levator palpebrae superioris (LPS) को लगातार contracted stage में रहना पड़ता है, जिससे जितने समय तक आँख खुली है, upper eyelid नीचे न गिरने पाये। इसीलिये drooping of upper eyelid (ptosis) MG का एक प्रमुख लक्षण है। इसके अतिरिक्त LPS को supply करने वाली nerves की motor units में AchR की संख्या भी शरीर की अन्य motor units की अपेक्षा में सबसे कम होती है।
पुनः सोचो, distal limb muscles की अपेक्षा proximal limb muscles (जैसे pectoral एवं pelvic girdle की muscles) को क्रमषः पूरे हाथ अथवा पूरे शरीर के load के against कार्य करना पड़ता है। ऐसे में हाथों को ऊपर उठा कर करने वाले लंबे कार्यों ;जैसे बालों में कंघी करना, चोटी बनाना अथवा छत पर paint करना इत्यादि में हाथ शीघ्र ही थक जाते हैं। इसी प्रकार देर तक चलने अथवा सीढी चढ़ने में पैर भी शीघ्र ही थक जाते हैं।
Keywords – Myasthenia gravis, ptosis, proximal muscle weakness
Further reading – Victor & Adams P-1477
Ptosis and proximal muscular weakness are early presenting features of MG
क्या तुम बता सकते हो कि डळ में मिलने वाली ptosis एवं proximal muscular weakness permanent रहती है या केवल temporary?
ध्यान करो, MG में AchR के loss के कारण पर्याप्त endplate potential एवं AP उत्पन्न नही हो पाते जिससे muscular contraction की क्षमता घटती जाती है। ऐसे में किसी muscular activity के प्रारंभ में तो repeated neural stimuli के द्वारा Ach release करवा लिया जाता है परन्तु लंबे समय तक अथवा अधिक बल प्रयोग होने की स्थिति में और अधिक Ach की आवश्यकता पड़ती है। इस Ach को bind करने के लिये AchR तो मिलते नही जबकि synaptic cleft में Ach-ase enzyme द्वारा इनका destruction चलता रहता है। इससे लगातार चलने वाली muscle activity में Ach reserve deplete होता जाता है तथा कुछ देर में ही fatigue की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जो अधिकांशतया ptosis अथवा proximal muscular weakness के रुप में उत्पन्न होती है। ऐसे में यदि कुछ देर के लिये muscular activity रोक दी जाये तब Ach के पुर्ननिर्माण से Ach reserve दोबारा replete हो जाते हैं तथा कुछ देर के लिये ही सही muscle strength दोबारा लौट आती है।
यदि तुम MG की pathophysiology समझ चुके हो तब क्या तुम इसकी therapy के विषय में भी कुछ अनुमान लगा सकते हो?
ध्यान रहे, MG में muscle weakness का प्रमुख कारण है, prolonged stimulation के बाद Ach का depletion, जो कि इसके Ach-ase enzyme
द्वारा metabolise होने से होता है। यदि Ach-ase enzyme को ही किसी प्रकार inhibit करा दिया जाये तब Ach का destruction कम करके synaptic cleft में इसकी concentration को बढ़ाया जा सकेगा।
पुनः, यदि Mg एक immune disorder है, जिसमें thymus में बनी T एवं B lymphocytes AchR को destroy करती है, तब immunosuppression एवं
विशिष्ट परिस्थितियों में thymectomy भी लाभप्रद रहनी चाहिये।
Therapeutic options in MG
1) Acetyl cholinesterase inhibitors – Neostigmine, Pyridostigmine
2) Immuno suppressive agents - Prednisolone, cyclosporine,
azathioprine
3) Thymectomy
MG में लगातार कार्य करने पर muscle strength कम होती जाती है। क्या तुम किसी ऐसे स्थिति को जानते हो जहां लगातार कार्य करते रहने पर muscle strenght आरंभ की अपेक्षा अधिक बढ़ जाये?
Lambert-Eaton Myasthenic Syndrome (LEMS) एक अन्य autoimmune disorder, जिसमें axon terminal पर स्थित voltage gated Ca++ channel के against antibodies (Ab) बन जाती हैं। यह Ab, Ca++ channels को block कर के axon terminal में impulse आने पर इसमें Ca++ influx को रोकती हैं, जिससे synaptic vesicles की exocytosis एवं Ach release कम हो जाती है। MG के विपरीत LEMS में muscular activity को लगातार जारी रखने पर repeated neural impulses इस Ca++ channel blockage को overcome कर Ca++ influx को बढ़ा लेती हैं, जिससे Ach के secretion होने से muscle strength पहले से अधिक बढ़ जाती है।
NMJ
आओ समझते हैं कि किसी presynaptic neuron में कोई neural impulse किस प्रकार से किसी skeletal muscle को उत्तेजित करती है। सर्वप्रथम तो इस प्रक्रिया में होने वाली 3 प्रमुख घटनाओं को जान लो। तदुपरान्त उनका विस्तार से वर्णन करेंगे। यह हैंः
1- Ca++ का axon terminal में प्रवेश।
2- Ca++ के प्रभाव से synaptic terminal में Ach का secretion
3- Ach के प्रभाव से muscle में Na+ channel का खुलना, जिससे AP उत्पन्न कर contraction हो सके।
आओ अब हम इन्हीं घटनाओं को विस्तार में समझते हैं।
Events in presynaptic neuron
Motor neuron के axon terminal में प्रचुर मात्रा में Ca channels उपलब्ध रहती हैं। Ca channels axon terminal में neuronal membrane में दोनों ओर voltage difference द्वारा नियंत्रित होती हैं। जब AP को axon terminal में पहुँचने पर वहां का potential बढ़ने लगता है, तब यह channels खुल कर Ca influx बढ़ाती हैं। इसी लिये इन्हें voltage gated Ca channels कहते हैं।
Axon terminal में प्रचुर मात्रा में Ach filled synaptic vesicles भी उपलब्ध रहते हैं। यह vesicles synapsin protein द्वारा neuron को cycoskeleton से बँधे रहते हैं, जब Ca influx द्वारा axon terminal में Ca+ की मात्रा बढ़ती है तब वह Ca+ calmodulin dependent protein kinase को उत्तेजित कर synapsin proteins का phosphorylation करा देता है। इससे Ach receptors cytoskeleton से मुक्त हो जाते हैं एवम् axon terminal की pre synaptic membrane तक पहुँचने लगते हैं। इस membrane पर Ca channels के समीप channels sebneural clefts के ठीक ऊपर स्थित active zone में यह Ach vesicles, membrane से जुड़कर exocytoin द्वारा Ach को synaptic cleft में release करा देते हैं।
Synaptic cleft के ठीक ऊपर स्थित active zone से release हुआ Ach सीधे synaptic cleft में प्रवेश करता है। इन clefts के मुख पर ही Ach receptors स्थित होते हैं। जैसे ही Ach के दो molecules इस channel से जुड़ते हैं, इस channels में हुए conformational changes इनके द्वारा Na+ influx बढ़ा देते हैं,
क्योंकि Ach channels का अंदरुनी भाग negatively charrged होता है। अतः यह केवल cations को ही अपने से होकर निकलने देता है। क्योंकि neurons में Na+ की मात्रा, Ca+ की तुलना में काफी अधिक होती हैं, अतः Ach receptor के उत्तेजित होने से मुख्यतः Na+ का influx ही बढ़ता है।
इसके पश्चात, अन्य excitable tissues की ही भांति, Na+ influx, muscle fibre में depolarisation उत्पन्न करता है। जैसे ही muscle fibre में Na+ की मात्रा पर्याप्त हो जाती है, वह positive feedback के द्वारा एकाएक अत्याधिक संख्या में Na+ channels को खुलवा देता है, जिससे होने वाला massive Na+ influx muscle fibre में Ach उत्पन्न कर देता है। क्योंकि यह AP motor end plate पर उत्पन्न हो रहा है, इसलिये इसे end plate potential भी कहते हैं। यही endplate potential muscle fibre को contract कराता है।
Differences between excitation of a neuron and a muscle
इस प्रकार तुमने देखा कि किसी neuron एवं skeletal muscle में Ach उत्पन्न होने को मूलभूत प्रणाली एक समान ही है। क्या तुम सोच सकते हो कि दोनों के मध्य कोई अन्तर भी हो सकता है?
जरा सोचो कि दोनों प्रकार के tissues की मूल प्रकृति क्या है? Neuron मूलतः एक conductive tissue है, जिसमें ion channels प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इनके उत्तेजित होते ही तीव्र Na influx से AP उत्पन्न होता है। इस प्रक्रिया में 0.2 से 0.3 msec मात्र लगते हैं। आज AP उत्पन्न होते ही यह तीव्रता (70 से 120 m/k sec की गति से) neuron में आगे बढ़ जाता है। इसके विपरीत skeletal muscle का मूल कार्य contraction है, conduction नहीं। Neuron में AP जिस neuronal membrane पर उत्पन्न हो रहा है उसी पर आगे बढ़ जाता है, जबकि skeletal muscle में यह AP, muscle fibre के भीतर प्रत्येक myofibril तक फैलने के लिए, neuron की अपेक्षा इससे 10 गुना लम्बी अवधि (1-5 msec) तक बना रहता है। स्वाभाविक रुप से Ach का muscle fibre में conduction, neuron की अपेक्षा काफी धीमा होता है। इन मूलभूत परिवर्तनों के अतिरिक्त दोनों tissues के RMP में भी मामूली सा अन्तर होता है। neuron का RMP -90 mv जबकि skeletal muscle का RMP-85 से -90 mv रहता है। यहां से दोनों ही tissues में Ach की peak लगभग +50 mv तक पहुँच जाती है।
Motor unit
जरा सोचा अगर तुम लोग पंजा लड़ा रहे हो तो इसमें तुम्हें 30 सेकण्ड लगते हैं, तब क्या muscle के सभी fibre 30 सेकण्ड्स तक लगातार contract करते रहेंगे? एक 1-5 msec का Ach किस प्रकार इतना लम्बा muscle contraction उत्पन्न कर पायेगा?
ध्यान करो skeletal muscle अनेकों muscle fibres से मिलकर बनी होती है एवम् इनको उत्तेजित करने वाली motor nerve भी अनेकों alpha motor neurons से मिलकर बनी होती है। एक alpha motor neuron कई branches में विभक्त हो कर ‘‘एक branch, एक muscle fibre, एक NM func’’ के रुप में skeletal muscle को sypply करता है, जिसे एक motor unit कहते हैं। इस प्रकार कार्यरुप में एक muscle अनेकों motor units में बँटी होती हैं।
किसी alpha motor neuron का stimulation उसकी motor unit के सभी muscle fibres का contraction एक साथ कराता है। यदि कार्य करते समय पूरी muscle को contracted अवस्था में बनाये रखना है तब brain द्वारा excite किये जाने पर अलग-अलग anterior horn cells, अलग-अलग alpha motor neurons को randomly एक के बाद एक stimulate करती रहती हैं, जिससे अलग-अलग motor units एक के बाद एक contract करती रहें। इस प्रकार एक समय में motor units का एक समूह contract कर के muscle को contracted बनाये रखता है, जबकि दूसरे समय इनका दूसरा समूह। इस प्रकार सम्पूर्ण muscle द्वारा अपेक्षित कार्य भी सम्पन्न होता रहता है तथा किसी एक muscle fibre अथवा motor unit को लगातार contracted बने रहना भी नही पड़ता।
वास्तव में skeletal muscle एवम् smooth अथवा cardiac muscle की कार्य प्रणाली में मूलभूत अन्तर यह है कि प्रत्येक skeletal muscle स्वतन्त्र रुप से (motor units के समूह में) कार्य करती है, जबकि smooth एवम् cardiac muscles एक syncytium के रुप में। Skeletal muscle में motor units के विभिन्न समूह अलग-अलग समय में कार्य कर सकते हैं, जिससे contracted अवस्था सतत् रुप से बनी रहेगी, जबकि smooth अथवा cardiac muscle के syncytium को एक साथ ही कार्य करना पड़ता है। इस हेतु smooth एवं cardiac muscles लम्बे समय तक excite करने की आवश्यकता पड़ती है। अतएव इनमें AP, skeletal muscle के 1 से 5 msec के brief AP के स्थान पर कई गुना अधिक (250 से 300 msec तक) होता है। क्योंकि Na+ influx द्वारा इतने लम्बे समय तक Ach को बनाये रख सकना सम्भव नही होगा। अतः इन दोनों muscles में आरंभिक Na influx द्वारा Ach आरम्भ करने के बाद इसका बनाये रखने का कार्य Ca influx द्वारा होता रहता है। इस प्रकार smooth एवम् cardiac muscles का AP (250 से 300 msec) neurons का AP (0.2 से 0.2 msec) एवम् skeletal muscles का AP (1-5 msec) में सर्वाधिक होता है।
क्या तुम बता सकते हो कि एक muscle fibre कितनी nerves से जुड़ा रहता है? अवश्य ही तुम उत्तर में ‘एक’ कहोगे। वास्तव में अधिकाँश (98%) skeletal muscle fibre एक myelinated nerve fibre से एक से neuromuscular junction के माध्यम से जुड़ा रहता है। परन्तु यदि यह पूछा जाये कि एक nerve fibre कितने skeletal muscle fibres से जुड़ा रहता है, तब तुम क्या कहोगे? यदि तुम अब भी उत्तर में ‘एक’ कहोगे तब यह गलत होगा। वास्तव में spinal cord को anterior horn cell से निकलने वाले प्रत्येक alphamotor neuron skeletal muscle तक पहुँच कर उसके भागों में विभक्त हो जाता है। इनमें से प्रत्येक nerve fibre, एक skeletal muscle fibre से एक NMJ के माध्यम से जुड़ता है। इस प्रकार एक alpha motor neuron अनेकों skeletal muscle fibres को control करता है। क्योंकि एक alpha motor neuron एवं उससे सम्बद्ध सभी skeletal muscle fibres परस्पर मिलकर कार्य करते हैं, इसलिये इन्हें एक motor unit कहते हैं।
अब तुम क्या यह अनुमान लगा सकते हो कि प्रत्येक alpha motor neuron लगभग कितने skeletal muscle fibres को control करता होगा?
वास्तव में यह इस तथ्य पर निर्भर करता है कि उस skeletal muscle fibre द्वारा सम्पादित कार्यों को कितनी कुशलता से control किये जाने की आवश्यकता है। यदि तुम्हें खड़े रहने के लिये पैरों की antigravity muscles को control करना है तब प्रत्येक neuron 50 से 100 skm fibres तक को control कर लेगा अर्थात एक स्थिति में motor unit में 80 से 100 SKM fibres तक भी हो सकते हैं। इसके विपरीत गाना गाने के लिये laryngeal muscles अथवा प्यानो बजाने के लिये हाथों की small muscles को बड़े fine control की आवश्यकता होती हो ऐसी स्थिति में motor unit में skeletal muscle fibres की संख्या 2-4 से अधिक नही होती है।
जरा सोचो, किसी large muscle में यह motor units किस प्रकार से व्यवस्थित होती होंगी? वास्तव में यदि एक motor unit के सभी skeletal muscle fibres एक स्थान पर व दूसरे motor unit के सभी fibres दूसरे स्थान पर एक दूसरे से बिल्कुल अलग-अलग लगे होंगे, तब वह muscle पूरी एक साथ contract करती हुई न दिखकर टुकड़ों में contract करती हुई दिखेगी। इसीलिये अलग-अलग motor units के skeletal muscle fibres, किसी muscle में एक दूसरे के बीच-बीच में बिखरे होते हैं। इस प्रकार सभी motor units सम्मिलित रुप से कार्य करती हैं न कि अलग-अलग रहकर।
जरा सोचो, यदि तुम्हें केवल अपना हाथ हिलाना है अथवा तुम्हें उसी हाथ से 10 किलो का वजन भी उठाना है, इन दोनों कार्यों को करने में भी motor units की कार्य प्रणाली में कोई भिन्नता होती होगी? जरा सोचो, यदि किसी व्यक्ति को पीने का पानी चाहिये तब वह घर के छोटे बच्चे को कह देता है व वह बच्चा झट से दौड़ कर पानी ले आता है। इसके विपरीत यदि उसे रसोई गैस का सिलेण्डर उठवाना होगा तब वह घर के किसी व्यस्क को ही कहेगा, जो वह भारी कार्य अपेक्षाकृत धीमी गति से कर पायेगा। इसी नियमानुसार शरीर में भी spinal cord के small motor neurons, skeletal muscles में smaller motor units को control करते हैं एवम् larger motor neurons, larger motor units को। ये smaller motor neurons, larger motor neurons की अपेक्षा अधिक excitable होते हैं। किसी हल्के कार्य को कराने के लिये लिये brain anterior horn cells को weak signals भेजता है, जिससे ये smaller motor neurons आसानी से उत्तेजित होकर small motor units को contract कराकर वह कार्य सम्पन्न करा देते हैं। इसके विपरीत भारी कार्य को कराने के लिये brain, anterior horn cells को stronger signals भेजता है। जैसे-जैसे इन signals की strength बढ़ती है, skeletal muscle की larger motor units recruit होती जाती है। इस larger motor untis के मिलकर कार्य करने से smaller motor units द्वारा किये जा सकने वाले कार्य की अपेक्षा 50 गुना तक अधिक force व contraction उत्पन्न किया जा सकता है।
Size principle and multiple fibre summation
इस प्रकार weaker signals द्वारा smaller motor units का stimulation एवं progressively stronger signals द्वारा larger motor units का stimulation, size principle कहलाता है। इस size principle के अनुसार ही अधिक force fo contraction की आवश्यकता पड़ने पर पहले smaller motor units को recruit करके जैसे-जैसे आवश्यकता बढ़ती जाये वैसे-वैसे और बड़ी motor units की परस्पर कार्य करने को उत्तेजित किया जाता है। इस प्रकार अनेकों motor units का contractive force परस्पर जुड़ कर अधिक होता जाता है। इसे multiple fibre summation कहते हैं।
Spatial, temporal and frequency summation
याद करो synaptic stimulation के लिये भी जब एक synapse द्वारा उत्पन्न potential AP उत्पन्न करने के लिये कम पड़ जाता तब अनेकों synapse मिल जाते हैं तब वे AP उत्पन्न करा लेते हैं। इन्हें भी summation व impulses कहते हैं। जब एक ही neuron पर अनेक synapse एक ही स्थान पर एक साथ local potentials उत्पन्न करते हैं व उनके summation से AP उत्पन्न होता है तब इसे spatial summation कहते हैं (spatial = related to space) तथा जब एक ही neuron पर synapse बिना रुके हुए एक के बाद एक लगातार local potential उत्पन्न करता है जब उसे temporal summation (temporal = related to time) कहते हैं। इस प्रकार से synaptic stimulation एवं NM stimulation की प्रक्रिया लगभग समान ही होती है।
जरा सोचो इस प्रकार से skeletal muscle contraction के लिये भी यदि motor neuron द्वारा लगातार stimulation कराया जाये तब उनके potentials मिलकर बिना larger motor units को recruitment किये हुए force contraction बढ़ा सकेंगे? क्या यह सही है? वास्तव में यह भी सही है। यदि synapse की ही भांति पहले potential के क्षीण होने के पूर्व ही अगला potential आ जाये तब वे परस्पर मिल कर के muscle fibre के भी total force व contraction को बढ़ा देते हैं। इसे frequency summation कहते हैं।
Tetanisation
जरा सोचो तो सही कि अनेकों motor units के मिलकर काम करने (multiple fibre summation) या एक ही motor unit के लगातार काम करने (frequency summation) पर कार्य की कुशलता में क्या कोई कमी आ सकती है अथवा muscle movement smooth न होकर jerky हो सकता है क्या?
वास्तव में multiple fibre summation के समय विभिन्न motor units का stimulation एक साथ आरम्भ कर एक साथ रोक देना, ऐसा नही होता। उदाहरण के तौर पर यदि कहीं 100 motor units उपलब्ध हैं तब एक ही साथ 100 motor units का stimulate न कर के केवल 30-40 को ही recruit किया जाता है व अगले क्षण अगली 30-40 को। इस प्रकार इन motor units को दो contraction के मध्य विश्राम भी मिल जाता है तथा यह प्रक्रिया भी लम्बे समय तक smoothly चलते रह सकती है।
दूसरी ओर frequency summation के समय muscle fibre इतनी तेजी से लगातार contract करते हैं कि परिणामस्वरुप एक smooth एवं continuous contraction मिलने लगता है। यह स्थिति tetanisation कहलाती है। इस समय muscle अपनी उच्चतम अवस्था पर contract कर रही होती है तथा इसको और बढ़ा पाना सम्भव नही होता। Skeletal muscle में contraction काफी लम्बे समय तक बिना relaxaztion के भी बना रह सकता है।
Cardiac and smooth muscle cells are spared from tetanisation
जरा सोचो, frequency summation द्वारा skeletal muscle में tetanisation उत्पन्न हो सकता है, जिसमें वह काफी समय तब बिना relax किये contracted अवस्था में रह सकती है, यदि यही स्थिति cardiac muscle में उत्पन्न हो गयी तो उसका क्या परिणाम होगा?
ध्यान करो, skeletal, cardiac एवं smooth muscles को contract करने के लिये calcium की आवश्यकता होती है। Skeletal muscles में क्योंकि sarcoplasmic retinaculum अधिक विकसित होते हैं तथा इनमें पर्याप्त मात्रा में calcium उपस्थित होता है, इसलिये यह लम्बे समय तक contracted अवस्था में रह सकती है। इसके विपरीत cardiac एवं smooth muscles में sarcoplasmic retinaculum कम विकसित होता है तथा इसमें calcium ion की पर्याप्त मात्रा भी संग्रहित नही रहती। यह दोनों इसीलिये ECE में उपस्थित Ca+ पर निर्भर रहती हैं, जो इन्हें इनकी 5 गुना तक बड़ी एवं चौड़ी T-tubules के माध्यम से मिलता हे। T-tubule द्वारा उपलब्ध यह Ca+ cardiac अथवा smooth muscles में एक contraction तो करा लेता है, परन्तु tetanisation के लिये आवश्यक calcium उपलब्ध नही करा पाता। इसीलिये cardiac एवं smooth muscles से tetanisation नहीं होता।
जरा सोचो, यदि cardiac muscle में tetanisation नही होता तब यह ventricular fibrillations (VF) जैसे अत्याधिक तीव्र tachyarrythmia में blood pumping बन्द क्यों करा देता है?
वास्तव में यह सत्य है कि ventricular contraction न होने से blook pumping रुक जाती है तथा यह मृत्यु का कारण बन सकता है, परन्तु यह रुकावट ventricle के लगातार contracted state में रहने के कारण से न होकर इसलिये होता है कि 300 beats per minute की गति से भी अधिक होने वाले stimulation में cardiac muscles न तो contract हो पाती है और न ही relax। वह एक प्रकार से stand still रह जाती है, जिससे blook pumping रुक जाती है।
यहाँ एक तथ्य और याद रखने योग्य है कि यदि किसी व्यक्ति को IV calcium slow IV injection में देने के स्थान पर बहुत शीघ्रता से IV bolus के रुप में दे दिया जाये तब ventricles में पहुँचकर calcium को यह अत्याधिक मात्रा cardiac muscles का continuous contraction करा सकती है, जिससे heart का systolic arrest हो सकता है।
Nerve endings in smooth and cardiac muscle cells
क्या तुम बता सकते हो कि एक skeletal muschle एवं एक smooth muscle के neuro muscular junctions में क्या अन्तर होता है?
ध्यान रहे, smooth muscle (एवं cardiac muscle में भी जो अधिकांशतया किसी smooth muscle की भांति व्यवहार करती हैं) में skeletal muscle की भांति एक पूर्ण विकसित neuromuscular junctions नहीं होता। Smooth muscles, autonomic neurons द्वारा innervated होती है जो cholinergic अथवा adrenergic दोनों प्रकार के हो सकते हैं। यह autonomic neurons, smooth muscles तक पहुँच कर अनेक branches उत्पन्न करते हैं। Skeletal muscles में motor neuron की भांति autonomic neurons की branches, एक branch एक skeletal muscle fibre के नियम का पालन नही करती। इसके विपरीत प्रत्येक branch कई smooth muscle fibres के निकट से गुजरती है। Smooth muscle fibre के ऊपर वह branch फूलकर एक bead या varicocity बनाती है, जिसमें axon terminal की ही भांति synaptic vesicles एवं mitochondria भरे रहते हैं। इस प्रकार एक autonomic neuron, 20000 तक varicocities बना सकता है जो अनेकों smooth muscle fibres को एक साथ प्रभावित कर सकती हैं।
Synapse enpeasant
Adrenergic neurons की varicosities के synaptic vesicles में norepinephrine संग्रहित रहता है, जिसके कारण ये vesicles गाढ़े रंग की dense core vesicles के रुप में दिखायी देती हैं। इसके विपरीत cholinergic neurons के इन्हीं vesicles में acetylcholine संग्रहित रहता है, जिसके colourless होने के कारण ये vesicles clear vesicles दिखायी पड़ती हैं। क्योंकि smooth muscle पर मिलने वाले autonomic neurons की यह branches किसी muscle fibre पर अंत होकर end plate न बनाकर हर एक के ऊपर से varicosity रुपी synapse बनाते हुए गुजरती जाती है, इसीलिये इन synapses को 'synapse enpeasant' भी कहते हैं।
जरा सोचें, smooth muscle पर कोई एक भली भांति neuromuscular junction रुपी synapse न बन कर यूंही चलते-चलते synapse enpassant ही बनते हैं, तब क्या इनमें होने वाला synaptic transmission हर दूसरे स्थान की भांति हो सकेगा?
वास्तव में autonomic neurons की varicosities से निकलने वाले NT, smooth muscle fibres पर एक targeted या complete AP उत्पन्न कर के केवल local एवं partial depolarisations ही उत्पन्न करते हैं, जिन्हें junction potential कहते हैं। यह junction potential स्वयं में AP उत्पन्न नहीं कर पाते तथा इसीलिये लगातार होते हुए अनेकों junction potentials को परस्पर summation द्वारा मिलाकर एक smooth muscle में AP उत्पन्न कराते हैं। ध्यान रहे, किसी भी अन्य post synaptic potential की ही भांति, junction potentials भी excitatory अथव inhibitory दोनों प्रकार के हो सकते हैं। Excitatory junction potentials द्वारा smooth muscle का contraction होता है तथा inhibitory junction potential द्वारा relaxation।
जरा बताना तो सही कि यदि किसी ventricular muscle पर कोई autonomic neuron vericocity बना रहा है, तब वह adrenergic होगा अथवा cholinergic?
स्मरण रहे, heart पर parasympathetic innervation मुख्यतः इसकी electrical activity को ही संचालित करता है, जिसके विपरीत sympathetic innervation इसकी electrical एवं mechanical (muscular) दोनों activities को नियंत्रित करता है। इस प्रकार यदि वह neuron, ventricular muscle को innervate कर रहा है, तब उसके sympathetic होने की सम्भावना अधिक होगी।
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Realizing the Full Potential of the Digital Space, Universal Access to Research and Education related to Medical Concepts, Full Participation in spreading Awareness in our Mother language. To Drive a New Era of Knowledge, Self-Awareness, and Good Health !
Mission
Endorsement of the Most Complex Medical Concepts in the Easiest Way.
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